पहली बैठक में ‘दूल्हा’ ,तीसरी में अपना नेता, इसमें नीतीश कहां हैं खड़े? समन्वय समिति की पहली बैठक, बिहार में सीट शेयरिंग पर आखिर क्यों नहीं बन पा रही सहमति!

पटना- इंडिया महागठबंधन के समन्वय समिति की पहली बैठक राकंपा के सुप्रीमो शरद पवार के आवास पर हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि इंडिया महागठबंधन की पहली जनसभा मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में होगी.वहीं ममता बनर्जी के विरोध के बावजूद जातीय जनगणना के मुद्दे को भी प्रभावी ढ़ंग से बढ़ाने पर निर्णय अधिकांश दलों की सहमति से हुआ. कयास लगाए जा रहे थे कि बैठक में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हो सकती है.इस पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर जल्दी हीं सबलोग बातचीत शुरु कर देंगे. कुल मिलाकर सीट शेयरिंग का पेंच अभी फंसा हुआ है.
विपक्षी एकता की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुरु की थी, इंडिया महागठबन ने साकार रुप भी ले लिया लेकिन इसके सूत्रधार को कांग्रेस ने पीछे कर कथित रुप से लालू की मदद से अपना आधिपत्य जमा लिया. लालू यादव ने राहुल के दुल्हा बनने और सभी को बराती बनने की बात कह कर परोक्ष रुप से राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बता दिया. विपक्षी एकता की मुहिम शुरु करने वाले नीतीश कुमार को इंडिया महागठबंधन में कंवेनर तक नहीं बनाया गया. मुंबई की इंडिया महागठबंधन की तीसरी बैठक में लालू ने राहुल गांधी को अपना नेता बताया. तो राहुल गांधी को लालू यादव ने मटन पार्टी के बहाने राजनीतिक गुर भी सिखाए. लालू का राहुल गांधी प्रेम किसी से छिपा नहीं है. तो इसका कारण भी है, लालू को लगता है कि उनके छोटे बेटे बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी को बिहार का ताज पहनाने में राहुल ज्यादा मददगार साबित हो सकते हैं. लालू के राहुल प्रेम से कहीं ना कहीं नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे हैं.
नीतीश लालू का कहना था कि बिहार में इंडिया महागठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा आसानी से कर लेगा. इंडिया महागठबंधन में बिहार फॉर्मूले की चर्चा हुई थी लेकिन इसे धरातल पर उतारना मुश्कील सा दिख रहा है. सियासी हलकों में चर्चा है बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान छिड़ गया है. महागठबंधन में शामिल पार्टियों ने सीटों के लिए दावा ठोकना शुरू कर दिया है, जितने दल हैं उतने राग सुनाई देने लगे हैं. कांग्रेस लोकसभा की 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है तो माले ने भी 5 सीटों की मांग कर महागठबंधन के बड़े नेताओं के सामने समस्या खड़ी कर दी है. बता दें जदयू के अभी लोकसभा में 16 सांसद हैं, ऐसे में जदयू के लिए सबसे बड़ी परेशानी है कि वह करे तो क्या करे. वहीं राजनीतिक पंडित दावा कर रहें हैं कि सीटों के बंटवारे पर जदयू और राजद के बीच समन्वय बनता नहीं दिख रहा है.
तेजस्वी ने कहा था कि सीट शेयरिंग पर जल्दी हीं निर्णय ले लिया जाएगा.इंडिया महागठबंधन के समन्वय समिति की पहली बैठक में इस पर कोई समाधान तो नहीं निकल पाया अलबता ललन सिंह के बाद असोक चौधरी ने नीतीश के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की बात कर लालू की परेशानी तो बढ़ा हीं दिए है. अब बिहार में ऊंट किस करवट बैठता है ये देखने वाली बात होगी.