नीतीश सरकार के अनुरोध पर बिहार की जाति गणना से जुड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 3 अक्टूबर तक टली, जानिए क्या हुआ

नीतीश सरकार के अनुरोध पर बिहार की जाति गणना से जुड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 3 अक्टूबर तक टली, जानिए क्या हुआ

पटना. बिहार की जाति गणना से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में अब 3 अक्टूबर को सुनवाई होगी. बिहार सरकार की मांग पर यह सुनवाई टाली गई है. बुधवार को होने वाली सुनवाई के पूर्व बिहार सरकार की ओर शीर्ष न्यायालय को बताया गया कि उनके वकील आज उपलब्ध नहीं हो सकते हैं. इसके पीछे कुछ कारण गिनाए गए थे. बिहार सरकार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने आज की सुनवाई को अब 3 अक्टूबर तक टाल दी है. 

दरअसल, बिहार में जातीय गणना का काम पूरा हो चुका है. इसकी रिपोर्ट आनी शेष है. जाति गणना पर रोक को लेकर पहले पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी जिस पर कोर्ट ने अहम निर्णय सुनाते हुए बिहार की नीतीश सरकार को जातीय गणना कराने की मंजूरी दी थी. इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. इसी बीच केंद्र सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने केंद्र का पक्ष पेश करने की अपील थी. इसमें 28 अगस्त को नाटकीय ढंग से सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हलफनामा पर हलफनामा दायर किया था। सुबह के हलफनामे को शाम में बदल दिया गया था.

उस दौरान केंद्र की ओर से पहले हलफ़नामा के पैरा 5 में लिखा था कि सेंसस एक्ट 1948 के तहत केंद्र के अलावा किसी और सरकार को जनगणना या इससे मिलती-जुलती प्रकिया को अंजाम देने का अधिकार नहीं है. फिर केंद्र ने इस हिस्से को हटाते हुए नया हलफनामा दायर किया था. इसमें कहा था कि ‘पैरा 5 अनजाने में शामिल हो गया था. नया हलफनामा संवैधानिक और कानूनी स्थिति साफ करने के लिए दायर किया था. इसे लेकर केंद्र सरकर को बिहार की नीतीश सरकर ने निशाने पर लिया था और जाति गणना में बाधा डालने के लिए केंद्र और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए थे. 

इस बीच अब बुधवार की सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के वकील के हाजिर नहीं हो पाने की स्थिति में अब सुनवाई 3 अक्टूबर तक टल गई है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि जल्द ही जाति गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी. 

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