VAISHALI: सोनपुर मेले को एक बार फिर संचालित कर दी गई है। साथ ही सात दिनों का लाइसेंस थिएटर संचालक को दिया गया है। जानकारी अनुसार थिएटर संचालकों को पहले दो दिन की लाइसेंस दी जाती थी और समय रहते उन्हें रिन्यूअल करवाना पड़ता था लेकिन इस बार जिलाधिकारी के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी सोनपुर के द्वारा 7 दोनों का लाइसेंस दिया गया है।
वहीं छठे दिन पूरे होने पर पुनः आकर रिनुअल करवाना होगा। बताया जा रहा कि, लाइसेंस सुरक्षा मानक को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। ट्रैफिक को देखते हुए ड्रॉप गेट को हटाने का निर्देश भी दिया गया है।
मालूम हो कि, एशिया के प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में थिएटर चलाने की अनुमति नहीं मिलने के कारण सोनपुर वासियों ने थिएटर संचालक के साथ मिलकर पूरे सोनपुर मेला को बंद करवा दिया था। थिएटर चलाने की अनुमति नहीं मिलने लोगों में काफी नाराजगी थी। इस वजह से सोनपुर मेला में सरकारी प्रदर्शनी स्टॉल को छोड़कर सभी स्टॉल को बंद करवा दिया गया था। सोनपुर मेला के अधिकांश बाजार और दुकान बन पड़े थे। वहीं मेला बंद कराने से सोनपुर मेला घूमने आए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मेला घूमने आए लोग अपने बच्चों के साथ इधर-उधर भटकते हुए नजर आ रहे थे। लेकिन एक बार फिर मेला को पुनः शुरु कर दिया गया है।
गौरतलब हो कि, पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए सोनपुर मेला पूरे देश में प्रसिद्ध है। देश के कई राज्यों से हजारों पशु व्यवसायी यहां हर साल मेले में पशुओं के साथ आते हैं। कई प्रकार के पालतू मवेशियों की यहां खरीद बिक्री होती है। पशुओं के साथ ही सोनपुर मेला की एक खास पहचान यहां लगने वाले थिएटर से है। थिएटरों में नाच-गाने का सिलसिला पूरे रात चलता है। कहा जाए तो थिएटर ही वह जगह है जिसे सोनपुर मेला सबसे ज्यादा गुलजार होता है। जैसे जैसे शाम ढलती और रात का अँधेरा घना होता है वैसे वैसे थिएटर में बजने वाले गीत-संगीत और उस पर ठुमकती लड़कियों की नाच देखने हजारों की संख्या में लोग यहां आते हैं।