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10 फीसदी आरक्षण वालों को अंग्रेजों का दलाल बता चुके हैं बिहार के नए शिक्षा मंत्री, क्या राजद ने सवर्णों से एक बार फिर बना ली दूरी

10 फीसदी आरक्षण वालों को अंग्रेजों का दलाल बता चुके हैं बिहार के नए शिक्षा मंत्री, क्या राजद ने सवर्णों से एक बार फिर बना ली दूरी

PATNA : बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने अपने बड़बोले शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर की आलोक मेहता को विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है। माना जा रहा है कि चंद्रशेखर के विवादित बयानों से जो किरकिरी हुई थी, यह उससे बचने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम हैं। हालांकि नए शिक्षा मंत्री आलोक मेहता भी अपने बयानों के कारण विवादों में रहे हैं। पिछले साल उन्होंने सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण को लेकर एक विवादित बयान दे दिया था। जिसके कारण कई दिन तक अपनी सफाई देनी पड़ी थी।

लोकसभा सदस्य रह चुके और बीई कर चुके आलोक मेहता ने पिछले साल जनवरी में एक कार्यक्रम के दौरान सवर्णों के दिए गए 10 फीसदी आरक्षण को लेकर एक विवादित बयान दिया था कि जिन्हें यह लाभ दिया जा रहा है, वह अंग्रेजों की दलाली का काम करते थे और मंदिरों में घंटी बजाने का काम करते हैं। उन्हें जमींदार बना दिया गया। जिसके बाद आलोक मेहता पर सवर्ण आरक्षण का विरोधी होने का आरोप लगे थे। अब उन्हें शिक्षा विभाग की मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है।

राजद ने कर दी चूक

पिछले कुछ माह से डा. चंद्रशेखर सहित राजद के कई नेता हिन्दू धर्म ग्रंथों और ब्राह्मणों को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं। जिसके बाद राजद पर सवर्ण और हिन्दू विरोधी होने के आरोप लग रहे थे। हालांकि राजद खुद को एटूजेड वाली पार्टी बताती रही है। लेकिन कहीं न कहीं सवर्ण आरक्षण का विरोध करनेवाले आलोक मेहता को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंप कर राजद ने सवर्णों को नाराज कर दिया है। 


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