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औंधे मुंह गिरा अविश्वास प्रस्ताव : अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे डिप्टी मेयर नागेंद्र, अपनी ही पार्टी में शामिल विरोधियों को यूं चटाई धूल

औंधे मुंह गिरा अविश्वास प्रस्ताव : अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे डिप्टी मेयर नागेंद्र, अपनी ही पार्टी में शामिल विरोधियों को यूं चटाई धूल

नागेंद्र को मिले 19 वोट,  विपक्ष में पड़े मात्र 12 वोट,  तीन बोगस और तीन ने किया वॉकआउट

इस जीत के साथ ही अब कार्यकाल समाप्ति तक पद पर रहेंगे काबिज

विपक्ष ने कहा हमने नहीं लाया था अविश्वास प्रस्ताव, सत्ता पक्ष के द्वारा ही खेला गया था गेम

CHHAPRA : आखिरकार कुर्सी बचाओ खेल में नागेंद्र ने विपक्षियों को मात दे ही दी। इसी के साथ ही अब कार्यकाल की समाप्ति तक नागेंद्र राय उप मेयर के पद पर काबिज रहेंगे। शुक्रवार को हुए अविश्वास प्रस्ताव की बैठक बहस और वोट विभाजन में नागेंद्र राय ने विपक्षियों को बुरी तरह से मात दे दी।  मेयर को लेकर कुल 38 उपस्थिति थी। मेयर ने वोटिंग में भाग नहीं लिया। इनमें 37 पार्षदों  ने वोटिंग किए। नागेंद्र राय के पक्ष में 19 वोट पड़े तो विपक्ष विपक्ष में 12 वोट पड़े, 3 पार्षदों ने गेम खेलते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। यानी वे दोनों तरफ से दुरुस्त रहें। वही 3 ने बोगस वोट कर दिए। 

पार्षदों के वॉकआउट, बोगस और अनुपस्थिति ने धुरंधरों की औकात बताई

विभिन्न कारणों से 12 वार्ड पार्षद इस अविश्वास प्रस्ताव से दूर रहे, जो कि नगर निगम की राजनीति में धुरंधर कहे जाने वाले नेताओं की औकात बता दी है। जो लोग यह सोच रहे थे कि उनके कहने से ही पार्षद चलेंगे ऐसा नहीं हुआ। छह पार्षद अनुपस्थित रहे 3 पार्षदों ने वॉकआउट कर दिया और तीन ने वोटिंग के दौरान बोगस वाली प्रक्रिया अपना दी। कुल मिलाकर यूं कहें की नागेंद्र राय को पदच्युत करने का तमाम हथकंडे अपनाए जा चुके थे। इतना ही नहीं इस अविश्वास प्रस्ताव के दौरान यह भी बात सामने आई है कई पार्षद जो पक्ष वाले थे वह विपक्ष में चले गए थे और जो विपक्ष वाले थे विपक्ष में चले गए थे यानी कि इधर से उधर पार्षदों ने खूब किया। 

बैठक के दौरान ही छह पार्षद सभागार से निकल गए, पुलिस ने रोका ,पार्षदों ने जताया विरोध

जैसे ही बहस के बाद वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई छह पार्षद बाहर निकल गए जिस पर वहां तैनात पुलिस ने हस्तक्षेप किया और उन्हें अंदर जाने के लिए कहा इस पर पार्षदों ने दो टूक कहा यह लोकतंत्र है हम चाहेंगे तो वोट करेंगे अन्यथा नहीं आप नहीं रोक सकते। इनमें से तीन तो जबरन निकल गए और तीन फिर वापस जाकर बैठ गए। हालांकि पुलिस के इस रवैया को लेकर चर्चा का विषय बना रहा।

पार्षदों को सैर सपाटा कराना काम आ गया

उप मेयर नागेंद्र राय 1 महीने पहले ही विपक्षियों का मन टटोल चुके थे और उनके मनसा को भी जान चुके थे इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने साथ के पार्षदों को कोलकाता भ्रमण पर भेज दिया ताकि उनके पार्षद इधर से उधर ना हो । उन्हें खूब सैर सपाटा करवाया पूरा कोलकाता का भ्रमण कराया। नागेंद्र की यह चाल कामयाब हो गई और उनके सभी पार्षद एकजुट रहे जिसका उन्हें लाभ मिला।

पार्षदों के बहिष्कार से नागेंद्र का काम हुआ आसान

उप मेयर का काम तब और आसान हो गया जब  कुछ पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। ऐसे में नागेंद्र राय के साथ वाले पार्षद तो एकजुट रहे लेकिन विपक्ष के पार्षदों की संख्या में कमी आ गई। इनके  वाकआउट करने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं एक तो इनके वॉक आउट कर जाने से सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों शुभचिंतक बन गए, दूसरा विरोध को लेकर भी सबके सामने बात आ गई।

फुल कॉन्फिडेंस के साथ सभागार में पहुंचे थे नागेंद्र

उप मेयर अपने जीत को लेकर पहले से ही काफी आशान्वित थे। उनके फुल कॉन्फिडेंस को इसी से मापा जा सकता है कि 12:00 बजे से कलेक्ट्रेट सभागार में एंट्री थी लेकिन वे आधा घंटा पहले ही अपने पार्षदों के साथ सभागार में एंट्री कर गए थे इसे लेकर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा तो उसी समय ताल ठोक कर कहा कि उनके पक्ष में 35 पार्षद है उनकी जीत निश्चित है वह सत्ता पर बने रहेंगे। वही उप मेयर के दावेदार कहीं जाने वाली अमितांजलि सोनी से बात की गई तो उनका कहना था कि उनके द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया ही नहीं गया था यह तो सत्ता पक्ष की एक चाल थी जो कि खुद अविश्वास प्रस्ताव लाया और खुद यह दिखाने का प्रयास किया की पार्षद हमारे पक्ष में है।

बैठक को लेकर 11 बजे ही पहुंचे थे  निगम के अधिकारी

नगर निगम के अधिकारी अविश्वास प्रस्ताव की बैठक को ठीक ढंग से संपन्न कराने के लिए सुबह 11:00 बजे ही पहुंच गए थे। सबसे पहले नगर निगम के दोनों उप निगम आयुक्त हरिश्चंद्र और शशि भूषण मिश्रा पहुंचे थे उनके साथ सिटी मैनेजर मोहम्मद आसिफ भी थे। प्रधान लिपिक तारकेश्वर मिश्रा समेत अन्य कर्मी भी इस कार्य को संपादित कराने के लिए पहुंचे थे। निगमायुक्त संजय कुमार उपाध्याय के दिशा निर्देशन पर और अध्यक्ष शाह नगर निगम की मेयर सुनीता देवी के आदेश पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई।

जीत पर बोले नागेंद्र, यह सच्चाई की जीत

जीत के बाद उप मेयर नागेंद्र राय ने कहा कि यह सच्चाई की जीत है हमने काम किया है उसका फल पार्षदों ने दिया है जो हमसे नाराज हुए हैं उनका भी दिल जीतने का प्रयास किया जाएगा। निगम क्षेत्र के सभी भागों में काम पूरा किया जाएगा।

उप मेयर की दावेदार अमितांजली सोनी बोली यह सोची समझी रणनीति

पूर्व उप मेयर और उप मेयर की दावेदार अमिता अंजली सोनी से जब इसे लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव उनके तरफ से लाया ही नहीं गया है यह तो सोची समझी साजिश के तहत सत्ता पक्ष नहीं अविश्वास प्रस्ताव डाल दिया था। आने वाले चुनाव में जनता तय करेगी कि किसने काम किया है और किसने नहीं।

क्या कहते हैं निगमायुक्त

नगर पालिका अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित प्रक्रिया पूरी कर ली गई है इसमें नागेंद्र राय के पक्ष में 19 वोट पड़े हैं जबकि विपक्ष में 12 वोट पड़े ,3 पार्षद वाकआउट किए और 3 बोगस वोट पड़े हैं उप मेयर पद पर नागेंद्र राय ही बने रहेंगे। पूरी प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध थे।

संजय कुमार उपाध्याय, निगमायुक्त, नगर निगम छपरा

मेयर बोली -नियमानुसार पूरी हुई प्रक्रिया

नगर पालिका अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित प्रक्रिया मेरी अध्यक्षता में कराई गई है जो की पूरी हो गई है नागेंद्र राय ही उप मेयर के पद पर रहेंगे।

सुनीता देवी, मेयर, छपरा नगर निगम

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