16 एकड़ सरकारी भूमि पर दबंगों का कब्जा, हाईकोर्ट के दिए गए आदेश पर अधिकारियों ने आंखें की बंद

JAMUI : जहां एक ओर सरकार सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए तेजी से काम कर रही है वही इसके विपरीत जमुई जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने में सरकार के साथ-साथ पटना उच्च न्यायालय के आदेश की भी अनदेखी कर रहा है। मामला खैरा प्रखंड अंतर्गत डूमरकोला गांव की है जहां 16 एकड़ जमीन पर दबंगों का कब्जा है और अंचल से लेकर जिला प्रशासन तक मूकदर्शक बना हुआ है। हद तो तब हो गई जब इस मामले में पटना उच्च न्यायालय के आदेश की भी अनदेखी की जा रही है। 

बहरहाल कोर्ट के आदेश की अनदेखी के खिलाफ एक बार फिर आवेदक श्याम सुंदर यादव ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सीडब्ल्यूजेसी में पारित आदेश की अवहेलना के बाद उन्होंने एमजेसी दायर किया है। इसके अलावा जमुई के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह सहित मुख्यमंत्री, प्रमंडलीय आयुक्त एवं अनुमंडल पदाधिकारी के साथ ही खैरा के अंचल अधिकारी तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी का भी ध्यान आकृष्ट कराया है

यह है मामला 

खैरा प्रखंड अंतर्गत डुमरकोला गांव में खाता संख्या 189 खसरा 45, 1118 एवं 144 में कुल 16 एकड़ आम गैरमजरूआ बकब्जे रास्ता किस्म की जमीन है। इसी जमीन पर उप स्वास्थ्य केंद्र भी निर्मित है लेकिन इसके अधिकांश भू-भाग को गांव के ही दबंगों ने अतिक्रमण कर रखा है। उक्त जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए गांव के ही श्याम सुंदर यादव ने पहले तो स्थानीय स्तर पर जिम्मेवार अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाई। 

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जब परिणाम सामने नहीं आया तो उन्होंने 2022 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां 09 दिसंबर 2022 को 06 महीना के अंदर अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित हुआ। 09 जून को समय सीमा समाप्ति के बाद भी हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं हुआ है। इसके पहले जिला पदाधिकारी के आदेश पर 2017-18 में खैरा के तत्कालीन अंचल अधिकारी ने भी अमीन से मापी के उपरांत अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया था।

कहते हैं एडीएम

अतिक्रमित सरकारी भूमि को हर हाल में अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित अंचल अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है। 

सत्येंद्र मिश्रा, एडीएम, जमुई।