पेपरलीक, इमरजेंसी, किसान और अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रपति ने अभिभाषण में कही बड़ी बातें, देश में हाहाकार मच जाने का भी किया जिक्र

DESK. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए इमरजेंसी, NEET, किसान और अर्थव्यवस्था के साथ ही पेपर लीक महिलाओं, किसान सहित कई मुद्दों का जिक्र किया. उन्होंने परीक्षाओं में पेपर लीक होने पर चिंता जाहिर की. देश में पेपर लीक पर रोक लगे इसे लेकर उन्होंने अभिभाषण में जिक्र किया. अभिभाषण के मुख्य बिंदुओं में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था. करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है. इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है. इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है. कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं.
उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक लोकसभा है. इस लोकसभा का गठन अमृत काल के शुरुआती सालों में हुआ था. ये लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें वर्ष की भी गवाह बनेगी. आने वाले सत्रों में ये सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों -विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को बराबर महत्व दे रही है. PLI योजनाओं और व्यापार करने में आसानी से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. पारंपरिक सेक्टर्स के साथ-साथ सनराइज सेक्टर्स को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है.
मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आपाताकल संविधान पर एक सबसे बड़ा हमला था. भारतीय संविधान ने बीते दशकों में हर चुनौती और कसौटी पर खरा उतरा है. देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं. 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था. जब लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया था.लेकिन देश ने ऐसी संवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की है.