कटिहार- जिंदगी के कई बसंत देख चुके इस वृद्ध दंपत्ति की आंखें सूनी हैं. इसमें आपको गम हीं गम दिखाई देंगे. गम कोई गैर नहीं बल्कि अपनों ने दिया है और जब गम अपनों से मिलता है तो दिल जरा बेजार होकर रोता है. बहुत कुछ यही हकीकत है इस दंपत्ति की. इनके जीवन में बेटा कुणाल है फिर भी जिंदगी अमावस की रात की तरह स्याह अंधकार है. पूत कपूत तो धन किस काम का, पूत सपूत तो धन किस काम का, देश की सरहदों पर मां भारती के सेवा करने वाले एक पुत्र की सामाजिक और पारिवारिक जीवन से जुड़े एक दुखद तस्वीर कटिहार से सामने आया है.
कुणाल सिंह पांच साल पहले अपने मां और पिता को प्रताड़ित कर घर से भगा दिया, पूर्णिया धमदाहा की रहने वाले वृद्धि पिता राणा प्रताप सिंह अपनी पत्नी के साथ कटिहार के बरमसिया में अपनी विधवा बेटी के घर शरण लिया था लेकिन पिछले कुछ दिनों से बेटी की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वृद्ध दंपति एक किराये के मकान में रह रहा है, इसी बीच आर्थिक तंगी और बीमारी के इलाज के कारण राणा प्रताप सिंह ने अपनी कुछ पैतृक जमीन बेच दिया.
इसी बात से नाराज बेटा कुणाल ने अपनी पत्नी के साथ कटिहार पहुंचकर अपने माता-पिता और विधवा बहन को बुरी तरह पिटाई कर दिया, इतना ही नहीं वे जाते-जाते पिता से जबरन 2 लाख नगद छीन कर भी ले गया.
अब वृद्धि माता-पिता ने कटिहार सहायक थाना में अपने पुत्र और बहू के खिलाफ आवेदन देकर इंसाफ की गुहार लगा रहे है, उधर पुत्र के इस आचरण पर पूरा समाज चकित है की देश की सरहद पर सेवा करने वाले एक जवान अपने मां-बाप पर कैसे इतना कठोर हो सकता है.
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह