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यूपी बीजेपी में नहीं थम रहा तूफान, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब सीएम योगी भी जाएंगे दिल्ली, पार्टी अध्यक्ष से करेंगे मुलाकात

यूपी बीजेपी में नहीं थम रहा तूफान, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब सीएम योगी भी जाएंगे दिल्ली, पार्टी अध्यक्ष से करेंगे मुलाकात

LUCKNOW : यूपी में लोकसभा चुनाव के बाद से ही योगी सरकार में घमासान मचा हुआ है। यहां डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ भी नई दिल्ली जाएंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से उनकी मुलाकात संभावित है। हालांकि योगी के दिल्ली जाने का असल मकसद नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेना है। नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के साथ ही सीएम योगी मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।

सीएम योगी शुक्रवार को दिल्ली रवाना होंगे।  माना जा रहा है कि वह मुलाकात के दौरान पीएम मोदी और वरिष्ठ नेताओं को यहां चल रही गतिविधियों से अवगत कराएंगे। हालांकि योगी के दिल्ली जाने का असल मकसद नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेना है। नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के साथ ही सीएम योगी मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।

सीएम योगी की दिल्ली यात्रा पार्टी में सरकार बनाम संगठन की बहस के बाद मचे घमासान के बीच हो रही है। 14 जुलाई को लखनऊ में भाजपा की राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जोर देकर कहा कि संगठन" सरकार से बड़ा था, है और रहेगा। उसी बैठक में योगी ने इस बात पर जोर दिया कि अति आत्मविश्वास के कारण पार्टी वांछित नतीजे हासिल करने से दूर रही। इस बैठक से पहले केशव ने मुख्यमंत्री के साथ अपने बढ़ते मतभेदों की अटकलों को खुद ही हवा भी दी। कैबिनेट की कुछ बैठकों में शामिल मौर्य शामिल नहीं हुए।

आनेवाले दस सीटों पर होनेवाले उपचुनाव बड़ी परीक्षा

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद यूपी भाजपा के सामने दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अपना प्रदर्शन सुधारना सबसे बड़ा टास्क है। यह उपचुनाव पार्टी संगठन और योगी सरकार के लिए असली परीक्षा है। इसे विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। अगर भाजपा इसमें सफल नहीं हुई तो सरकार से लेकर संगठन तक बड़ा बदलाव करना जरूरी हो जाएगा। इसी को देखते हुए सीएम योगी ने उपचुनाव की तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। निगरानी के लिए 30 मंत्रियों को तैनात किया है। इन 10 सीटों में से पांच (रालोद और निषाद पार्टी द्वारा जीती गई सीटों सहित) पर भाजपा और उसके सहयोगियों के विधायक थे। पांच सीटें समाजवादी पार्टी के पास थीं।


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