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उत्तर बिहार में बाढ़ के सोल्यूशन का पता लगाएगी केंद्रीय जल आयोग की टीम, संजय झा बोले- बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक बड़ी पहल!

उत्तर बिहार में बाढ़ के सोल्यूशन का पता लगाएगी केंद्रीय जल आयोग की टीम, संजय झा बोले- बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक बड़ी पहल!

दिल्ली- उत्तर बिहार में आने वाली बाढ़ का समाधान अब केंद्रीय जल आयोग की टीम निकालेगी. क्ंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निर्देश पर केंद्रीय जल आयोग द्वारा पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. पांच सदस्यों वाली  समिति उत्तर बिहार की नदियों के लिए नये बराज और स्ट्रकचर  के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी. जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष  संजय झा ने कहा कि यह उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक बड़ी पहल है. संजय झा ने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर  लिखा कि बिहार के विकास और उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सीएम नीतीश कुमार से विस्तृत चर्चा के बाद मैंने 28 जून को केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की थी, जो काफी सार्थक रही है. उन्होनें एक्स पर ये पोस्ट साझा किया है....



उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक बड़ी पहल!



मुझे साझा करते हुए खुशी है कि बिहार के विकास तथा उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से विस्तृत चर्चा के बाद मैंने गत शुक्रवार (28 जून, 2024) को पूर्वाह्न में माननीया केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की थी, जो काफी सार्थक रही है।



मैं हृदय से धन्यवाद देना चाहूंगा माननीया वित्त मंत्री जी को, कि उन्होंने उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने से संबंधित मेरे सुझावों को काफी गंभीरता से सुना; और उसी दिन शाम में एक और उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई, जिसमें मुझे भी शामिल होने के लिए कहा। शाम की मीटिंग में माननीय केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर जी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की सचिव सुश्री देबश्री मुखर्जी जी के अलावा वित्त, विदेश और जलशक्ति मंत्रालय के कुछ वरीय अधिकारी भी शामिल हुए।



इस महत्वपूर्ण मीटिंग में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर जल प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। मैंने विस्तार से बताया कि नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में कितनी बड़ी बाधा है। साथ ही, बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के कार्यों, राहत एवं पुनर्वास के उपायों में बिहार सरकार को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित होता है। बिहार के जल संसाधन मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभवों के आधार पर मैंने इसके समाधान के लिए कई सुझाव भी दिये और सभी ने मेरे सुझावों को गंभीरता से सुना।



मैं आभारी हूं माननीया वित्त मंत्री जी का, कि उनकी व्यक्तिगत अभिरुचि के कारण मीटिंग में तय किया गया कि एक उच्चस्तरीय समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी।



केंद्रीय जल आयोग द्वारा उसी शाम पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया। समिति में लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन (LGBO), पटना के मुख्य अभियंता श्री अंबरीश नायक को चेयरमैन, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) के डायरेक्टर श्री संजीव कुमार, केंद्रीय जल आयोग के तहत BCD के डायरेक्टर श्री एस के शर्मा और जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के प्रतिनिधि को सदस्य, जबकि LGBO के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को सदस्य सचिव बनाया गया है। इस समिति को अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट कल तक सौंप देनी है।



मुझे विश्वास है, NDA की डबल इंजन की सरकार उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में आने वाली आपदा को अवसर में तब्दील करेगी। हमारे उत्तर बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है। वहां बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान होने और अधिशेष नदी जल का सिंचाई में अधिकतम उपयोग होने पर संपूर्ण उत्तर बिहार में तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।



रिपोर्ट- धीरज सिंह

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