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इमरजेंसी में सबसे त्वरित मददगार बन रहा डायल 112, बिहार में दो वर्षों में 20 लाख लोगों को मिला लाभ, डकैती, चोरी और दंगा मामलों में आई गिरावट

इमरजेंसी में सबसे त्वरित मददगार बन रहा डायल 112, बिहार में दो वर्षों में 20 लाख लोगों को मिला लाभ, डकैती, चोरी और दंगा मामलों में आई गिरावट

पटना. एक्सीडेंट हो या फिर क्राइम, बिहार पुलिस का 'डायल 112' किसी भी आपात सर्विस (इमरजेंसी) में सबसे त्वरित मददगार बन रहा है. ‘डायल 112’ की सेवाएं बिहार में नए रिकॉर्ड बना रही हैं और पिछले दो वर्षों में लगभग 20 लाख लोगों तक अपनी सेवा पहुंचा चुका है. अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं व वायरलेस) निर्मल कुमार आजाद ने शुक्रवार को ‘डायल 112’ के जनोपयोगी सफलता की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ‘डायल 112’ के सराहनीय दो वर्ष की सेवा अब तक 20 लाख नागरिको को दी गयी है. राज्य भर में तैनात 1833 वाहनों के द्वारा औसतन 20 मिनट में आपातकालीन सेवा पहुँचायी गयी हैं. 



बिहार के नाम खास रिकॉर्ड : उन्होंने बताया कि प्रतिदिन कॉल हैण्डलिंग में बिहार, देश में दूसरे स्थान पर है. उपलब्ध आँकड़ा के अनुसार बिहार राज्य रेसपॉन्स टाईम के आधार पर देश में 7वें स्थान पर है. वहीं बिहार देश का एकमात्र राज्य है जहाँ शत-प्रतिशत कॉल महिला पुलिसकर्मियों के द्वारा रिसीव किया जा रहा है. डायल 112 पर पिछले दो वर्षों में स्थानीय विवाद / मारपीट / हिंसात्मक झड़प इत्यादि से संबंधित 10,59,782 सूचना प्राप्त हुई है. वहीं घरेलू हिंसा, महिला अपराध एवं बच्चों से संबंधित सूचना की संख्या 1,80,817 रही. यातायात / दुर्घटना से 81,268 संबंधित सूचना मिली जबकि 71,994 अग्नि कांड से संबंधित और मध निषेध से जुड़े 71,501 सूचनाएं मिली. उन्होंने बताया कि त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप राज्य स्तर पर वर्ष 2023 में विगत् वर्ष की तुलना में डकैती के मामलो में 15.39 प्रतिशत, चोरी में 5.93 प्रतिशत एवं दंगा में 15.82 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। 



डायल-112 एकल पुलिस एवं इमरजेन्सी हेल्प लाईन : निर्मल कुमार आजाद ने बताया कि डायल-112 को सम्पूर्ण बिहार राज्य के नागरिकों के लिए एकल पुलिस हेल्प लाइन एवं इमरजेन्सी हेल्प लाईन नम्बर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस प्रकार अब नागरिक केन्द्रित पुलिसिंग के अन्तर्गत आमजनों को अधिकतम सेवायें एक ही नम्बर डायल-112 के माध्यम से प्राप्त हो सकेगें। यह कार्य अगले एक माह में पुरा कर लिया जायेगा।  डायल-112 के कमांड एंड कंट्रोल सेन्टर में आम नागरिको से फीडबैक प्राप्त करने हेतु आधार भूत संरचना तैयार की जा रही है। जिसके पश्चात प्राप्त फीडबैक के आधार पर डायल 112 के सभी सेवाओं को और अधिक उत्कृष्ट बनाया जा सकेगा एवं नागरिकों के शिकायतों का शत-प्रतिशत निस्तारण किया जा सकेगा।



आपात स्थिति में सबसे बड़ा साथी : उन्होंने कहा कि डायल 112 की सेवा आपात स्थिति में लोगो का सबसे बड़ा साथी है. विगत् 02 वर्ष में 20 लाख से अधिक लोगों को आपातकालीन सेवायें पहुँचायी जा चुकी है। प्रतिदिन करीब 05 हजार लोगों को सेवा प्रदान की जा रही है। इस वर्ष हमारा लक्ष्य 15 लाख से अधिक लोगों को सेवा पहुँचाना है। अगले वर्ष का लक्ष्य 18-20 लाख लोगों को सेवा पहुँचाना है। नागरिक केन्द्रित पुलिसिंग के तहत 20 मिनट के अन्दर राज्य में कही भी आपातकालीन सेवा पहुँचाने के लक्ष्य को अब हम प्राप्त कर रहे है।



6 जुलाई 2022 से सेवारत : उन्होंने बताया कि राज्य में जनकल्याणकारी आपातकालीन सेवा की शुरुआत 6 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई थी. आपातकालीन सेवा का मुख्य उद्देश्य पीड़ित व्यक्तियों को 20 मिनट में सहायता मुहैया कराना है। परियोजना के प्रथम चरण में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों/शहरी क्षेत्रों में एवं पटना जिला के सम्पूर्ण क्षेत्रों में उपलब्ध था। इस हेतु 400 चार पहिया वाहन उपलब्ध कराया गया था।



वहीं द्वितीय चरण में यह आपातकालीन सेवा ग्रामीण क्षेत्रों सहित सम्पूर्ण राज्य में उपलब्ध हो गयी है। 29 फरवरी 2024 को द्वितीय चरण हेतु अतिरिक्त 883 चार पहिया वाहन एव 550 दो पहिया वाहन का लोकार्पण माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा किया गया। इस प्रकार अब कुल 1833 वाहन उपलब्ध हैं। दो पहिया वाहन की सहायता से अब शहर की तंग गलियों में भी आपातकालीन सेवा पहुँचायी जा रही है। द्वितीय चरण में 1586 एम्बुलेन्स सेवा एवं 805 अग्निशमन सेवा के वाहनों को भी इस व्यवस्था में एकीकृत किया गया हैं, जो 24 घंटे नागरिकों की सेवा में कार्यरत हैं। सम्पूर्ण बिहार राज्य के नागरिक अब आपातकालीन स्थिति में 112 डायल कर पुलिस, एम्बुलेन्स, अग्निशमन सेवा एवं अपराध नियंत्रण हेतु एकीकृत सेवा ले रहे है।


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