बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने बदला गया जिले का भूगोल, सरकारी वेबसाईट पर कोटेश्वर नाथ धाम को जहानाबाद जिले में किया स्थापित

GAYA : अगर आपसे कोई कहे कि लाल किला गुजरात में है और ताजमहल बिहार में। हावड़ा ब्रिज का पता आगरा बताया जाय और बिहार की राजधानी जमशेदपुर। तो इस पर्यटक मानचित्र को आप कैसे आंकेंगे। साधारण सी बात है कि सुनने में अटपटा सा लगेगा या फिर बताने वाले को आप अनपढ़ गंवार या पागल घोषित कर देंगे। मगर इस तरह की जानकारी अगर आपको किसी ऑथराइज सरकारी वेबसाईट पर देखने, पढ़ने या सुनने को मिल जाए तो या तो आपका सिर चकराने लगेगा या फिर अपने इतिहास, भूगोल के पढ़ाई पर लानत लगने लगेगा। 

जी हां एक ऐसा हीं वाकया बिहार सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है। जिसके सरकारी वेबसाईट पर अपने हीं राज्य में इतिहास भूगोल के चीथड़े उड़ते देखे जा सकते हैं। बिहार सरकार का एक सरकारी वेबसाईट है " बिहार टूरिज्म : गॉवमेंट ऑफ बिहार " इस वेबसाईट पर बिहार के सभी छोटे बड़े पर्यटक व धार्मिक स्थलों को दर्शाया गया है। जिसमें पर्यटक स्थल का स्थान, उसकी महत्ता, पौराणिकता, ऐतिहासिक महत्व, जिला मुख्यालय और जिला मुख्यालय से उक्त स्थल की दूरी की विधिवत जानकारी दी गई है। 

https://tourism.bihar.gov.in/en/destinations/jehanabad/koteshwar-sthan

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लेकिन विडंबना यह है कि बिहार सरकार के इस महत्वपूर्ण वेबसाईट पर एक बड़ी चूक देखी जा सकती है। जिसमें सरकार के पर्यटक विभाग ने गया जिला के इतिहास, भूगोल का चिथड़ा कर दिया गया है। पर्यटक विभाग ने गया जिला के बेलागंज प्रखंड अंतर्गत मेन गांव में स्थापित द्वापर कालीन, प्राचीन और प्रसिद्ध कोटेश्वर नाथ धाम को गया जिला के मानचित्र से अलग कर दिया है। बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के सोशल वेबसाईट पर कोटेश्वर नाथ धाम को जहानाबाद जिले में दर्शाया गया है। जिसमें बताया गया है कि " कोटेश्वर नाथ धाम जहानाबाद जिले में स्थापित एक पौराणिक शिव मंदिर है। जिसका निर्माण दक्षिण भारतीय शैली से किया गया है। यहां अवस्थित सहस्र लिंगी महादेव एवं प्राचीन पीपल वृक्ष का दर्शन करने श्रद्धालु और पर्यटक दूर दूर से आते हैं। 

बिहार सरकार के सरकारी वेबसाईट पर हुए इस चूक ने एक तरफ जिले का इतिहास भूगोल बदलकर रख दिया है। वहीं दूसरी तरफ जिले के लोग भी सकते में हैं। यहां बता दें कि विगत दस वर्षों से सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा बेलागंज के कोटेश्वर नाथ धाम में साल में दो  बार महोत्सव का आयोजन किया जाता है। उसी पर्यटक विभाग के वेबसाईट पर गया जिला में स्थापित प्राचीन कोटेश्वर नाथ धाम का स्थल गया से बदलकर जहानाबाद कर दिया गया है। फिलहाल गलती चाहे जिसकी हो,  पर अगर बिहार का हाल यह रहा तो वो दिन दूर नही जब बिहार में निवेशकों के तरह हीं यहां आने वाले पर्यटक भी महाबोधी मंदिर को सीतामढ़ी और शांति स्तूप को मुजफ्फरपुर में खोजते दिखाई देंगे।

गया से प्रभात कुमार मिश्रा की रिपोर्ट