जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली में सिमट गयी ‘दुनिया’,जी-20 में अफ़्रीकन यूनियन शामिल

जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली में सिमट गयी ‘दुनिया’,जी-20 में अफ़्रीकन यूनियन शामिल

दिल्ली-  जी20 शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ‘दुनिया’ सिमट गयी. अनेक राष्ट्रों की हस्तियां दिल्ली पहुंचीं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ,ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक,इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) प्रमुख क्रिस्टलिना जॉर्जीवा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना दिल्ली में हैं. कोमोरोस के राष्ट्रपति अजाली असौमानी भी जी20 सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव , ओमान के उप प्रधानमंत्री सैयद फहद बिन महमूद अल सईद भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.

वहीं जी-20 में अफ्रीकन यूनियन को शामिल कर लिया गया है. शनिवार को नई दिल्ली में शुरू हुए जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका एलान किया.जी-20 सम्मेलन से पहले घोषणापत्र पर काम कर रहे सदस्य देशों के शेरपाओं की बैठक में इस पर चर्चा हुई थी.जी-20 सम्मेलन में 55 देशों के संघ अफ्रीकन यूनियन को इस संगठन की सदस्यता मिल गई है. इसे ‘ग्लोबल साउथ’ का नेतृत्व करने की भारत की महत्वाकांक्षा को नई ताक़त माना जा रहा है.भारत इस बात का श्रेय ले सकता है कि उसकी मेजबानी में हुए जी-20 सम्मेलन में अफ्रीकन यूनियन को जी-20 की सदस्यता दी गई.

55 देशों के अफ्रीकी देशों के संगठन अफ्रीकन यूनियन को जी-20 की सदस्यता दिलाने की कोशिश को भारत और चीन के बीच 'ग्लोबल साउथ' का नेता बनने की होड़ के तौर पर भी देखा जा रहा है.यही वजह है कि चीन ये दावा कर रहा है कि सबसे पहले उसने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल करने की मांग उठाई थी. रूस भी अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल करने का श्रेय लेना चाहता है.रूसी मीडिया में रूस के जी-20 शेरपा के हवाले से कहा गया है कि उनका देश इस मांग को उठाने वाले शुरुआती देशों में शामिल रहा है.

 प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘मुझे विश्वास है कि हमारे मेहमान भारतीय मेहमाननवाजी का आनंद लेंगे.’ जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं. समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने भारत पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अलावा मॉरीशस के अपने समकक्ष प्रविंद जगन्नाथ और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से द्विपक्षीय वार्ता की. मोदी शनिवार को ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और इटली के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक हैं.  रविवार को वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ दोपहर के भोजन पर बैठक करेंगे.

वहीं  शुक्रवार शाम बाइडेन के साथ बैठक के बाद पीएमओ ने कहा, ‘दोनों नेताओं की वार्ता में व्यापक मुद्दे शामिल रहे और इससे भारत और अमेरिका के बीच संबंध और प्रगाढ़ होंगे.’ बैठक में अमेरिका की ओर से अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन, विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भी मौजूद थे, जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे.  बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘पिछले नौ वर्षों में भारत-बांग्लादेश संबंधों में प्रगति बहुत सुखद रही है. कनेक्टिविटी, वाणिज्यिक जुड़ाव समेत अन्य मुद्दों पर हमारी बातचीत हुई.’


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