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जनप्रतिनिधि और प्रशासन से भरोसा टूटा : सात साल से हर बारिश में खुद चचरी पुल बनाते हैं ग्रामीण, अधिकारियों के पास मांग की सुनवाई के लिए समय नहीं

जनप्रतिनिधि और प्रशासन से भरोसा टूटा : सात साल से हर बारिश में खुद चचरी पुल बनाते हैं ग्रामीण, अधिकारियों के पास मांग की सुनवाई के लिए समय नहीं

KISHANGANJ : सरकार और प्रशासन ने ग्रामीणों की पीड़ा नहीं सुनी तो टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चिल्हनियां पंचायत स्थित आमबाड़ी के  लोगों ने खुद ही आमबाड़ी के निकट प्रधानमंत्री सड़क के कटिंग पर चचरी पुल निर्माण करने का निर्णय ले लिया।शनिवार को स्थानीय ग्रामीणों ने श्रमदान और आपस में चंदा इकट्ठा कर आवागमन हेतु चचरी पुल बना डाला। इस पुल से होकर अब लोग आने जाने लगे हैं। 

उक्त पंचायत के सामाजिक सोच रखने वाले युवाओं एवं ग्रामीणों की इस पहल से आमजनों में खुशी व्याप्त है।चिल्हनियां पंचायत के वार्ड नंबर 10 के वार्ड सदस्य सुशील कुमार ने बताया  स्थानीय ग्रामीणों ने सामूहिक चंदा इकठ्ठा कर एवं श्रमदान देकर आमबाड़ी कटिंग पर चचरी पुल का निर्माण कर उक्त कटिंग पर डाल दिया है।अब इस होकर आवागमन हो रहा है।यहाँ चचरी नहीं रहने से 05 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी। ग्रामीणों ने बताया यहाँ चचरी पुल नहीं रहने से  रहमतपुर, धाधर,बेणुगढ़  कुचहा होकर टेढ़ागाछ मुख्यालय जाना पड़ता था।अब इस होकर आवागमन चालू हो जाने से लोगों को राहत मिली है।

इससे पूर्व सुहिया नया हाट के निकट प्रथानमंत्री सड़क के कटिंग पर भी ग्रामीणों ने ही चंदा देकर एवं श्रमदान देकर चचरी पुल का निर्माण किया है। स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के संवेदनहीनता के कारण अब ग्रामीणों को प्रधानमंत्री सड़क के कटिंग पर भी खुद के चंदो व श्रमदान से ही चचरी पुल बनाना पड़ रहा है।आत्म निर्भर होकर खुद आने-जाने का रास्ता यहां के ग्रामीणों ने बना लिया है। 

ग्रामीणों ने बताया वे यहाँ आरसीसी पुल निर्माण की मांग काफी लंबे समय से करते आ रहे हैं,लेकिन ग्रामीणों की पीड़ा से किसी को सरोकार नहीं है।ज्ञात हो कि रेतुआ नदी में  पानी बढ़ने से यहाँ काफी दिक्कत होती है। यहां आरसीसी पुल की जरूरत है। स्थानीय विधायक जी यहां से वादा करके गए थे कि चुनाव जीतेंगे तो यहां पुल का निर्माण जरूर करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

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