DESK : देश में केंद्र सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता लागू करने पर अभी विचार किया जा रहा है। लेकिन उससे पहले ही भाजपा शासित उत्तराखंड सरकार ने घोषणा कर दी है प्रदेश में यह कानून इसी साल लागू कर दिया जाएगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि हमने 2022 के चुनावों में लोगों से वादा किया था कि सूबे में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। सरकार बनने के बाद हमने सबसे पहले इस संबंध में एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया। बता दें उत्तराखंड सरकार ने कानून लागू करने से पहले प्रदेश के 2.33 लाख लोगों से संगठनों और संस्थानों के साथ-साथ आदिवासी समुदायों से भी सुझाव लिए हैं।
सीएम ने प्रदेश के लिए यह जरुरी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- देश में एक समान नागरिक कानून होने चाहिए। यह जनता की मांग है। इसकी शुरुआत उत्तराखंड से होगी। संवैधानिक व्यवस्था के तहत हम इसी साल राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे। उत्तराखंड में सभी लोग आपसी सौहार्द के साथ रहते हैं। लेकिन लोगों को धोखा देकर, लालच देकर और गुमराह करके धर्म परिवर्तन कराया जा रहा। देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिए इसे रोकना जरूरी है। देवभूमि के प्रति देश-विदेश के लोगों की आस्था है। यह देश के हित में है कि गंगा यमुना का आध्यात्मिक और धार्मिक लोकाचार बरकरार रहे।
बिना पहचान के उत्तराखंड में बस रहे लोगों की बढ़ी तादाद
मुख्यमंत्री धामी (Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि उत्तराखंड एक शांतिपूर्ण राज्य है, जहां बेहतरीन कानून व्यवस्था है। लोग यहां बिना पहचान और सत्यापन के आ रहे हैं और अवैध रूप से बस रहे हैं। इसकी वजह से जनसांख्यिकीय बदलाव को भी देखना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड में किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उत्तराखंड में जाति, धर्म, पंथ से ऊपर उठकर अतिक्रमण हटाया जा रहा है। अब तक 3000 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमण हटाया जा चुका है।