NEW DELHI : केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आज को लोक उपक्रमों (पीएसयू) मार्केटिंग नीति और भविष्य के लिए कार्य योजना की समीक्षा के लिए इस्पात क्षेत्र के लोक उपक्रमों के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित हुई। मंत्री ने उपक्रमों को अपने स्तर और क्षमताओं के अनुरूप बेहतरीन मार्केटिंग नीति अपनाने को कहा, और अपने उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए गांव और शहर के स्तर पर ब्रांडिंग को मजबूत करने की सलाह दी।
सिंह ने अर्द्ध-तैयार स्टील के बजाय तैयार स्टील के निर्यात को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया, जिससे कंपनी के लाभ में वृद्धि होगी। पैरेटो के 80-20 के सिद्धांत का उपयोग विकल्पों के मूल्यांकन के लिए किया जाना चाहिए, जिससे ज्यादा लाभकारी विकल्पों को प्रमुखता दी जा सके। मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अपनी मुख्य दक्षताओं पर ध्यान केंद्रित करने और इस्पात और संबंधित क्षेत्रों में विस्तारीकरण का निर्देश दिया, जिससे जनशक्ति संसाधनों का पूर्ण उपयोग किया जा सकता है। सिंह ने कहा कि कंपनियों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ हर काम करना चाहिए और नवाचार के द्वारा नए उत्पाद बनाने चाहिए।
उन्होंने उपक्रमों को राज्य सरकारों और सरकारी संस्थाओं से निरन्तर संपर्क में रहने के लिए कहा जिससे स्टील उपयोग की लिए संभावित परियोजनाओं से वो अवगत रहें। देश में 300 मिलियन टन इस्पात क्षमता के लिए तदनुरूप मार्केटिंग योजना भी साथ ही बनायी जानी चाहिए। उपक्रमों का स्टील राष्ट्रीय महत्त्व की परियोजनाओं में लग रहा है, इस बात की मंत्री ने प्रशंसा की। बैठक में फग्गन सिंह कुलस्ते, इस्पात राज्य मंत्री और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
नई दिल्ली से धीरज कुमार की रिपोर्ट