DESK : क्रिकेट के मैदान में आपने खिलाड़ियों, एक्टरों और राजनेताओं को भी कभी न कभी बल्लेबाजी और गेंदबाजी करते हुए देखा होगा। लेकिन शायद ही कभी संतों और साधु को क्रिकेट खेलते हुए देखने का मौका मिला होगा। वह भी धोती पहनकर। साधु- संतों को इस तरह क्रिकेट के मैदान में चौके-छक्के और फिल्डिंग करते हुए देखना दर्शकों के लिए भी बेहद रोमांचक था, जिसका सभी ने आनंद उठाया।
मध्य प्रदेश के छतरपुर में हुआ साधु संतों का मैच
दरअसल, छतरपुर में KGPL क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। साधु-संत निर्मोही अखाड़े के अजानुभुज सरकार के सान्निध्य में संकटमोचन सरकार व चौपरिया सरकार टीम के बीच मैच खेला गया. चौपरिया सरकार टीम ने मैच में जीत दर्ज कराई। यहां अखाड़ों के साधुओं व मंदिर-मठों के पुजारियों ने गेरुआ वस्त्र पहनकर मैच खेला. साधुओं ने बल्ला थामकर जमकर शॉट लगाए।
मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक अनोखा क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किया गया. यहां धोती बांधकर क्रिकेट मैदान में उतरे साधु-संतों ने जमकर चौके-छक्के लगाए. इस दौरान मौजूद लोगों ने जमकर तालियां बजाईं. दरअसल, छतरपुर में KGPL क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया. यहां अखाड़ों के साधुओं व मंदिर-मठों के पुजारियों ने गेरुआ वस्त्र पहनकर मैच खेला. साधुओं ने बल्ला थामकर जमकर शॉट लगाए।
साधुओं ने कहा - जैसे तलवार भाला भांजते हैं, वैसे ही बल्ला घुमाया
जब पूछा कि साधु संतों के हाथ में माला, वेद, शास्त्र रहते हैं, आज क्रिकेट मैदान में खेल और दौड़ पाना कितना संभव था, इसके जवाब में निर्मोही अखाड़े महंत राजीव लोचन दास व महंत रामेश्वर दास ने कहा कि हम सभी अखाड़ों के नागा साधु हैं. तलवार भाला इत्यादि चलाना जानते हैं. जैसे आपने कुंभ में देखा होगा कि साधु-संत हवा में कैसे तलवार घुमाते हैं, आज वैसे ही खेल के मैदान में क्रिकेट के बल्ले को घुमाया।
पहले मंदिरों में किया पूजा-पाठ, फिर बल्ला थामा और लगाए चौके-छक्के
दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों ने बल्ले से छक्के भी मारे. साधुओं ने सुबह से मंदिरों में भगवान की पूजा पाठ करते हुए भगवान की सेवा के बाद खेल मैदान में बल्ला थामा. इस तरह का अनोखा क्रिकेट मैच देखकर दर्शक भी दंग रह गए. साधु-संतों के पैरों में चप्पल और शरीर पर तहमल और गले मे माला थी।