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उसके दिमाग पर वैताल चढ़ गया है, हम इलाज जानते हैं...होली पर शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भड़के जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज, कहा- कानून से उपर कोई नहीं

उसके दिमाग पर वैताल चढ़ गया है, हम इलाज जानते हैं...होली पर शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भड़के जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज, कहा- कानून से उपर कोई नहीं

 पटना- शिक्षा विभाग के एक और आदेश पर विवाद हो रहा है, इसको लेकर शिक्षकों में आक्रोश है. होली के दौरान शिक्षकों की ट्रेनिंग का मामला अब तूल पकड़ने लगा है.  इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के एमएलसी ने शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को चुनौती दे डाली है और बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर शिक्षकों को होली मनाने का अधिकार नहीं है. तो फिर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को अधिकार कैसे हैं.राज्य अनुसंधान एवं परिषद के निदेशक ने सभी प्रशिक्षण केंद्रों के प्राचार्यों को जारी पत्र में कहा है कि जिन्होंने आवंटित प्रशिक्षण संस्थान में योगदान नहीं दिया है. ऐसे सभी शिक्षकों के एक सप्ताह का वेतन काटे जाने की कार्रवाई की जाएगी.

राज्य अनुसंधान एवं परिषद के निदेशक के पत्र पर विवाद शुरु हो गया है. इस मामले में जदयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने तल्ख शब्दों में शिक्षा विभाग के इस निर्णय की आलोचना की है. नीरज ने कहा केके पाठक का नाम लिए बिना कहा कि इ त कानून कायदा समझता नहीं है..उन्होंने कहा कि नियमावली कहता है कि जो शिक्षक अनुपस्थित हैं उनसे कारण पृच्छा की जाएगी अगर संतुष्ट नहीं हैं तो एक दिन का वेतन कटेगा. एक सप्ताह के वेतन कटने का कहीं प्रावधान हीं नहीं है.

जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि राज्य में कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है.लेकिन वैसी अवधि में जब रमजान चल रहा हो, जब होली का पर्व हो  उसको देखते हुए ट्रेनिंग का कार्यक्रम बनाना चाहिए था. नीरज ने कहा कि अगर शिक्षकों को होली मनाने का अधिकार नहीं है,  जिनकी 20 हजार की संख्या है  तो फिर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को अधिकार कैसे है. 

नीरज ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि होली के दिन आपने स्कूल खोला तो पूरे बिहार के शिक्षक गए,अब  बच्चे कितने पहुंचे इसकी सूची तो सार्वजनिक कीजिए.वेतन नियम कायदे से काकटता है. कानून से कोई उपर नहीं है. प्रक्रिया है उसका अनुपालन करना हीं होगा.आप अंतिम सत्य नहीं हैं. बिना कारण पृच्छा के एक दिन का वेतन काटना गलत है.

नीरज कुमार ने कहा कि केके पाठक भी छुट्टी न लें. अगर अपर मुख्य सचिव केके पाठक में हिम्मत है तो अपनी समेत अन्य पदाधिकारियों की छुट्टी रद्द कीजिए और मैं तो अनुरोध करूंगा बिहार के मुख्य सचिव इस मामले में हस्तक्षेप करें और शिक्षा विभाग के जितने पदाधिकारियों ने छुट्टी ली है. उनका अवकाश कैंसिल करिए. नीरज ने साफ तौर पर कहा कि कानून से उपर कोई नहीं है. उनके उपर वैताल चढ़ा हुआ तो हम इलाज जानते  हैं....

Repoet- Abhijeet Singh

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