जातीय गणना की प्रमाणिकता पर बिहार के कई जिलों से उठने लगी आवाजें, कईयों ने कहा - उनका नहीं हुआ सर्वे, बढ़ेगी सरकार की टेंशन

जातीय गणना की प्रमाणिकता पर बिहार के कई जिलों से उठने लगी आवाजें, कईयों ने कहा - उनका नहीं हुआ सर्वे, बढ़ेगी सरकार की टेंशन

SASARAM : खबर रोहतास से है। बिहार सरकार द्वारा जारी जाति गणना के रिपोर्ट पर अब सवाल उठने लगे हैं। सासाराम के भी कई लोग ऐसे हैं जिनका कहना है कि उनके जाति की गणना करने कोई नहीं आया। यहां तक की कुछ लोग ऐसे हैं जो कह रहे हैं कि हमारे मोहल्ले में ही कोई जाति की गणना करने नहीं पहुंचा।

 कुछ लोग ऐसे हैं जिनके परिजन बिहार से बाहर हैं या फिर बिहार के अलग-अलग शहरों में रह रहे हैं। उनके यहां भी अगर जातीय गणना के लिए कोई कमी नहीं पहुंचा, तो सवाल उठता है कि उनकी गणना किस आधार पर हुई होगी? सासाराम के लोगों की भी अपना विचार है। 

इस लोगों का कहना है कि गणना कैसे हुआ ? इसकी जानकारी आम लोगों तक नहीं पहुंची। जब रिपोर्ट आया तो पता चल रहा है कि उनके जाति की संख्या कितनी है? लेकिन सवाल यह है कि जब जाति की गणना करने घर-घर कमी नहीं पहुंचे, तो इसकी रिपोर्ट कैसे जारी हो गई

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