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नवादा में वोटिंग शुरु, मतदान प्रारंभ होने से पहले हीं कतारबद्द होने लगे थे मतदाता, नक्सल क्षेत्रों में 4 बजे तक वोटिंग

नवादा में वोटिंग शुरु,  मतदान प्रारंभ होने से पहले हीं कतारबद्द होने लगे थे मतदाता, नक्सल क्षेत्रों में 4 बजे तक वोटिंग

नवादा - नवादा लोकसभा सीट के लिए में मतदान शुरू हो गया है. वोटिंग शुरु होने से पहले हीं लोग पंक्तिबद्ध हो कर खड़े हो गए.  सात बजे से मतदान शुरु हो गया है. मतदान केंद्रे पर वोटर्स की लंबी लाइन दिख रही है.  मतदान सुबह 7 बजे शुरू होंगे. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मतदान शाम 4 बजे तक कराए जाएंगे. पहले चरण में 15 विधानसभा सीट नक्सल प्रभावित हैं, जहां 4 बजे तक ही मतदान होगा. जबकि, 9 विधानसभा क्षेत्रों में शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे. नवादा मे 1796  बूथ बनाए गए हैं.इनमें से 230 बूथ नक्सल प्रभावित है.तो 967 संवेदनशील बूथ तो 599 बूथ सामान्य हैं.  नवादा में मतदाताओं की कुल संख्याा 20 लाख 06 हजार 124 है. जिसमें 10 लाख 43 हजार 788 पुरुष मतदाता और महिला मतदाताओं की संख्या 09 लाख 02हजार 186 है. इसके अलावा थर्ड जेंडर के भी 150 मतदाता हैं. जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां भूमिहार और यादव किसी की हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. कई क्षेत्रों में वैश्य समाज और मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है, तो अति पिछड़े और दलित वोटर्स भी बड़ी संख्या में हैं.

बिहार की जिन 4 सीटों पर मतदान हो रहा है उनमें नवादा बेहद ही खास है, क्योंकि इस सीट पर एनडीए और महागठबंधन में सीधी टक्कर की बजाय मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है. राजद से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े विनोद यादव ने मुकाबले को बेहद ही दिलचस्प बना दिया है.

नवादा लोकसभा का चुनाव परिणाम में यहां के जातीय समीकरण की सबसे अहम भूमिका होती है. यहां घर का बेटा और बाहरी बेटा ,विकास और विश्वास के मुद्दे सब पीछे छूट जाते हैं. तभी तो इस बार भी "नहीं चाहिए बाहरी दूत हमें चाहिए घर का पूत" नारे के बावजूद नवादा से एनडीए ने बाहरी ही सही भूमिहार समाज पर ही भरोसा जताया है.

एनडीए  ने यहां से विवेक ठाकुर को अपना कैंडिडेट बनाया है. विवेक ठाकुर भाजपा के दिग्गज नेता डॉ. सी.पी. ठाकुर के पुत्र हैं और राज्यसभा के सांसद भी हैं . एनडीए को यहां भूमिहार मतदाताओं के अलावा वैश्य समाज और अति पिछड़ों के वोट पर भरोसा हैकार्यकर्ता बड़ा फैक्टर मान रहे हैं.

इंडी गठबंधन की ओर से राजद ने स्थानीय नेता श्रवण कुशवाहा को मैदान में उतारा है. राजद ने यादव, मुस्लिम और कुशवाहा मतदाताओं को गोलबंद करने की रणनीति के तहत श्रवण कुशवाहा को यहां से मैदान में उतारा है.

राजद के समीकरण को आरजेडी के ही बागी विनोद यादव से बड़ा खतरा नजर आ रहा है. नवादा की राजनीति में अच्छी पकड़ रखनेवाले राजबल्लभ प्रसाद यादव के भाई विनोद कुमार यादव के मैदान में आ जाने से राजद के सबसे बड़े कोर वोटर्स यादवों के आरजेडी से छिटकने का खतरा पैदा हो गया है. 

पिछले 3 लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां एनडीए का बोलबाला रहा है. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के भोला सिंह ने एलजेपी की वीणा देवी को हराया तो साल 2014 में बीजेपी के गिरिराज सिंह ने राजद को राजबल्लभ प्रसाद को मात देकर लगातार दूसरी बार कमल खिलाया. वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ  एलजेपी के चंदन सिंह ने राजद की विभा देवी को हराकर एनडीए की हैट्रिक पूरी की.

रिपोर्ट- अमन कुमार


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