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क्या से क्या हो गए देखते-देखते..! 'नीतीश' की भीष्म प्रतिज्ञा आज टूट गई, 'पियोगे तो मरोगे' कहने वाले CM अब कह रहे- जो मरा है उसके परिवार को मुआवजा देंगे

क्या से क्या हो गए देखते-देखते..! 'नीतीश' की भीष्म प्रतिज्ञा आज टूट गई, 'पियोगे तो मरोगे' कहने वाले CM अब कह रहे- जो मरा है उसके परिवार को मुआवजा देंगे

PATNA: कुछ माह पहले तक 'पियोगे तो मरोगे' कहने वाले नीतीश कुमार अब कह रहे कि जहरीली शराब पीकर जो मरा है उसके परिवार को मुआवजा देंगे. बिहार विधानसभा के पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान सारण में जहरीली शराब कांड हुआ था. गंदा शराब पीने से 60 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इस दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ था. कई दिनों तक सदन की कार्यवाही बाधित रही थी. भाजपा विधायकों ने सदन  से लेकर सड़क तक आंदोलन किया था. राजभवन मार्च तक किया था. भाजपा का साफ कहना था कि सरकार की शराबबंदी फेल है. जहरीली शराब से हुई मौत पर पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाय. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सदन में पीड़ित परिवार को 10-10 लाख मुआवजा देने की मांग उठाई थी। सीएम नीतीश कुमार जैसे ही मुआवाजे की बात सुने भड़क गए थे. विस के शीतकालीन सत्र में ही कहा था कि जो पियेगा वो मरेगा. हम उसे मदद करेंगे यह सवाल ही पैदा नहीं होता. 'दारू पीकर मरे हैं तो क्या सरकार मुआवजा देगी। एक पैसा नहीं देंगे।' चार महीने बाद सीएम नीतीश इस हालात में पहुंच गए कि प्रतिज्ञा तोड़नी पड़ी. 

'नीतीश' की भीष्म प्रतिज्ञा टूट गई

आप सबको याद होगा. विधानसभा के शीतकालीन सत्र यानी चार महीने पहले ही सीएम नीतीश ने एक बार फिर से कहा था कि ''जो पीयेगा वो मरेगा''. मृतक के परिजन को मुआवजा देने के मुद्दे पर विस में हो रहे हंगामे के बीच सीएम नीतीश ने तल्ख तेवर में कहा था, मुआवजा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता है. सदन में मुख्यमंत्री ने कहा था,''गंदा शराब पिया तो मर गया. उसको हम मदद करेंगे? इस दौरान विपक्ष पर बड़ा प्रहार किया था. उन्होंने कहा था कि जो देश में राज कर रहे हैं, उनके राज्य में भी लागू है तो उनके राज्य में क्या हुआ? आज वही नीतीश कुमार जहरीली शराब कांड के पीड़ितों को मुआवाजा देने की घोषणा कर रहे. सारण के बाद मोतिहारी में तीस से अधिक लोगों की जहरीली शराब से हुई मौत के बाद नीतीश कुमार बेबस हो गए। उन्हें अपनी प्रतिज्ञा तोड़नी पड़ी. इसी के साथ जहरीली शराब से पीने से मरने वालों के परिजन को 4-4 लाख मुआवजे का ऐलान करना पड़ा.   

जहरीली शराब से मौत पर परिवार को मिलेगा मुआवजा

मुख्यमंत्री ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि अप्रैल 2016 यानि शराबबंदी लागू होने के बाद से जिनकी मृत्यु जहरीली शराब पीने से हुई है, उनके आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपये दिये जायेंगे । उन्होंने कहा कि सामान्य तबके के गरीब परिवार के लोग जहरीली शराब पीकर मर जाते हैं, यह बहुत दुःखद है। अब जिस परिवार का कोई मरा है उस परिवार के लोग साफ तौर पर ये बता दें कि ये हमारे परिवार के सदस्य हैं और इन्होंने कहां से शराब खरीदी और पी थी ? ये सब लिखित रूप में जिलाधिकारी के यहां भेजना होगा। अगर पीड़ित परिवार की ओर से ये सब लिखित रूप में जिलाधिकारी के यहां भेज दिया जाएगा तो हमने यह तय कर दिया है कि पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपये की मदद दी जाएगी।

शऱाब से मौते के लिए सिर्फ सीएम नीतीश जिम्मेदार 

इधर, सीएम नीतीश बैकफुट पर गए तो भाजपा को बोलने का मौका मिल गया. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सीधे सीएम नीतीश को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि पियोगे तो मरोगे! कहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश बाबू मोतिहारी, बिहार में ज़हरीली शराब ने फिर 32 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेपरवाह और आत्ममुग्ध बन बैठे हुए हैं। शराब यदि बिकता है तो इसके लिए केवल मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री नीतीश कुमार जिम्मेवार हैं। 




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