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नियमित सैनिकों और अग्निवीर के वेतन और मुआवजे में कितना है अंतर, पढ़िए पूरी खबर

नियमित सैनिकों और अग्निवीर के वेतन और मुआवजे में कितना है अंतर, पढ़िए पूरी खबर

N4N DESK : पिछले दिनों लोकसभा में पंजाब के लुधियाना जिले में स्थित रामगढ़ सरदारन गांव के मृतक अग्निवीर अजय सिंह (23) के परिजनों को मुआवजा नहीं मिलने को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आमने सामने हो गए। राहुल गाँधी ने जहाँ कहा की मृतक के परिजनों को मुआवजा की राशि नहीं दी गयी है। वहीँ राजनाथ सिंह ने दावा किया की राशि का भुगतान किया जा चुका है। इस बीच खुद भारतीय सेना ने कहा कि परिवार को देय राशि में से 98.39 लाख रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। इसने स्पष्टीकरण में कहा कि कुल राशि लगभग 1.65 करोड़ रुपये होगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक 1.65 करोड़ रुपये में केंद्र सरकार से 48 लाख रुपये और वित्तीय संस्थानों से सहमति पत्र के तहत बीमा के रूप में 50 लाख रुपये शामिल हैं। इसमें 39,000 रुपये की अतिरिक्त राशि, अनुग्रह राशि के रूप में 44 लाख रुपये, सेना कल्याण कोष से 8 लाख रुपये, कार्यकाल पूरा होने तक वेतन शेष के रूप में 13 लाख रुपये और सेवा निधि के रूप में 2.3 लाख रुपये शामिल हैं। 

बता दें की सभी नियमित सैनिक सेना समूह बीमा कोष में हर महीने 5,000 रुपये का योगदान करते हैं, जिससे उन्हें 50 लाख रुपये का बीमा मिलता है। अग्निवीरों का बीमा 48 लाख रुपये का है, लेकिन वे इस बीमा के प्रीमियम के लिए अपने वेतन से कोई योगदान नहीं देते हैं।

वहीँ बताते चलें की जिन अग्निवीरों की मृत्यु सैन्य सेवा के कारण हुई हो या ऑपरेशन के दौरान हुई हो। उनके लिए 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि निर्धारित की गई है।जबकि यहीं अनुग्रह राशि नियमित सैनिक के लिए 25 लाख रुपये, 35 लाख रुपये या 45 लाख रुपये हो सकती है, जो हताहत की प्रकृति पर निर्भर करता है। जबकि अग्निवीरों या नियमित सैनिकों की मृत्यु अगर सैन्य सेवा के कारण नहीं हुई है तो वे किसी भी अनुग्रह राशि के लिए पात्र नहीं है। हालांकि राज्य सरकारों की ओर से दी जाने वाली अनुग्रह राशि राज्य के आधार पर शून्य से लेकर 1 करोड़ रुपये तक होती है। यह उन अग्निवीरों और नियमित सैनिकों दोनों पर लागू होती है जो या तो ड्यूटी पर मारे जाते हैं या विकलांग हो जाते हैं।इसके अलावा भी, अग्निवीरों और नियमित सैनिकों को ऑपरेशन के दौरान मृत्यु होने पर 8 लाख रुपये और किसी अन्य कारण से मृत्यु होने पर 2.5 लाख रुपये दिए जाते हैं।

वेतन की बात करें तो अग्निवीरों को चार साल की सेवा के दौरान पहले साल लगभग 30,000 वेतन प्रति माह दिया जाता है, जो चौथे साल तक बढ़कर 40,000 प्रति माह हो जाता है। नियमित सैनिकों की बात करें तो उनका वेतन उनके रैंक और सेवा के वर्षों के आधार पर तय होता है। प्रारंभिक रैंक के सैनिक का वेतन ₹25,000 से ₹30,000 प्रति माह से शुरू होता है और यह सेवा के वर्षों और प्रमोशन के साथ बढ़ता रहता है।



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