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मॉल आए हो या सिनेमा हॉल..., बच्चों को बिना स्कूल ड्रेस पहने देख भड़के के.के पाठक, जमकर लगाई क्लास

मॉल आए हो या सिनेमा हॉल..., बच्चों को बिना स्कूल ड्रेस पहने देख भड़के के.के पाठक, जमकर लगाई क्लास

SAHARSA: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक अक्सर एक्शन में दिखाई देते हैं। शिक्षा विभाग के लचर व्यवस्था को सुधारने के लिए के.के. पाठक प्रयासरत है। वह इस कड़ी में कई सरकारी स्कूलों में घूमकर स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान वह शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और स्कूल में शिक्षकों और छात्रों को उपस्थिति को लेकर भी कई नियमों को लागू कर रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को के.के. पाठक सहरसा पहुंचे। जहां उन्होंने स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. वहीं स्कूल में दिखी कमियों को लेकर उन्होंने टीचर और स्टूडेंट को फटकार भी लगाई।    

दरअसल, के.के पाठक ने सहरसा के मनोहर हाई स्कूल पूरब बाजार, जिला गर्ल्स स्कूल, मनोहर हाई स्कूल बैजनाथपुर और मध्य विद्यालय बैजनाथपुर का निरीक्षण किया। वहीं मनोहर हाई स्कूल में निरीक्षण के दौरान ड्रेस में नहीं आने पर छात्रों की क्लास लगाई। उन्होंने स्कूल ड्रेस पहनकर नहीं आने वाले बच्चों के नाम स्कूल से काटने का आदेश अधिकारियों को उसी समय दिया। 

मनोहर हाई स्कूल में एक क्लास में पहुंचे केके पाठक ने इस बात आश्चर्य और आपत्ति जताई कि एक भी स्टूटेंड ड्रेस में नहीं है। सबसे पहले उन्होंने बच्चों से पूछा कि आप लोग आर्ट्स में हैं या साइंस में। फिर कहा कि ड्रेस में क्यों नहीं आए तो बच्चे खामोश हो गए। इस दौरान मौजूद प्रिंसिपल ने कहा कि बार बार कहने पर बच्चे स्कूल ड्रेस पहन कर नहीं आ रहे हैं। केके पाठक ने इस पर आश्चर्य जताया।

उसके बाद वे खुद छात्रों को समझाने लगे। कहा कि आप लोग अब से ड्रेस में आईए। यह स्कूल है। ड्रेस में नहीं आए तो न परीक्षा में बैठने दिया जाएगा न क्लास में आने दिया जाएगा। यह लास्ट वॉर्निंग है। अब बोल के जा रहे हैं प्रिंसिपल साहब को कि आप का नाम काटेंगें। क्या आप लोग मॉल में आए हैं...सिनेमा हॉल है ये...या बाजार में घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि 12वीं तक हर हाल में ड्रेस में आना होगा। जब डिग्री कॉलेज में आएंगे तो जो मन हो पहनो। वहीं इस दौरान के.के पाठक ने छात्रओं को खड़ा कर पुस्तक पढ़ने को कहा। वहीं स्कूल के प्रिसिंपल का कहना था कि उनके स्कूल में बच्चे अधिक हैं और बैठने का जगह कम। प्रधानाध्यापक ने स्कूलों में बैंच की मांग की है।  

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