बिहार की 40 लोकसभा सीटों में एक महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र छपरा और सिवान दोनों जिलों के कुछ इलाकों को मिलाकर बना है. महाराजगंज सीट पर छठे फेज में 25 मई को वोटिंग होने वाली है. महारागंज लोकसभा सीट पर वोटिंग में भले ही अभी देर है, लेकिन सियासी सरगर्मियां काफी तेज हो चुकी है. एनडीए से यहां सांसद जनार्दन सिग्रीवाल को भाजपा ने तीसरी बार रिपीट किया है तो कांग्रेस ने यहां से डॉ अखिलेश सिंह के पुत्र आकाश सिंह मैदान में उतारा है.
प्रभुनाथ सिंह के बेटे ने फूंका विरोध का बिगुल
छपरा की महाराजगंज लोकसभा सीट से प्रभुनाथ सिंह विजयी होते रहे. फिलहाल वो जेल में हैं. महाराजगंज सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है. लालू यादव पता है कि प्रभुनाथ सिंह जैसी हैसियत उनके बेटों और परिवार की नहीं है. लेकिन महाराजगंज सीट लालू के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बनने जा रही है.यहां से बाहुबली प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर चर्चा के लिए रणधीर सिंह ने 28 अप्रैल को बैठक बुलाई है.इस सीट पर सांसद रहे प्रभुनाथ सिंह के जेल जाने के बाद उनके बेटे रणधीर सिंह लगातार संघर्ष कर रहे थे. इंडी गठबंधन में ये सीट कांग्रेस को दे ,जिससे नाराज रणधीर सिंह ने अब बागी तेवर दिखाएं हैं.
प्रभुनाथ सिंह के पोस्ट पर बवाल
इसी बीच महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के फेसबुक पेज पर की गई एक पोस्ट ने महाराजगंज सीट पर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह ने मंगलवार को अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि
हित - वचन नहीं तूने माना, मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूं, अन्तिम संकल्प सुनाता हूं।
याचना नहीं,अब रण होगा,जीवन -जय या कि मरण होगा ।।
रणधीर ने खड़ा किया राजद के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल
महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभूनाथ सिंह के फेसबुक पेज पर लिखी इन पंक्तियों से महाराजगंज क्षेत्र में राजनीतिक हलचल मच गई है. विदित रहे कि महाराजगंज लोकसभा सीट महागठबंधन की और से इस बार कांग्रेस के खाते में जाने से के बाद पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र एवं परर्व विधायक एवं महाराजगंज लोकसभा सीट से 2014,2019 में उम्मीदवार रहे रणधीर सिंह ने भी महाराजगंज सीट के कांग्रेस के खाते में जाने को लेकर राजद के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए समय आने पर सबक सिखाने की बात कही थी.अब महाराजगंज सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा होने के एक दिन बाद ही पूर्व सांसद प्रभूनाथ सिंह के फेसबुक पेज पर याचना नहीं अब तो रण होगा वाले पोस्ट से महाराजगंज में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. पूर्व सांसद द्वारा की गई पोस्ट को लेकर लोग तरह तरह के मायने निकाल रहे हैं.
राजपूत और भूमिहार बिरादरी महत्वपूर्ण
बता दें महाराजगंज लोकसभा सीट से ज्यादातर राजपूत और भूमिहार बिरादरी के ही सांसद चुने जाते रहे हैं. ये सीट पहले कांग्रेस और फिर जनता दल का मजबूत गढ़ रही है. इसके बाद राजद ने भी यहां से दो बार जीत हासिल की. फिर यहां भाजपा ने अपना परचम लहराया. राजपूत बहुल इस सीट पर मुस्लिम-यादव समीकरण का भी रोल होता है. लोकसभा चुनाव 2014 में महाराजगंज सीट से भाजपा के उम्मीदवार जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पहली बार जीते थे. उन्होंने दबंग छवि के राजद नेता प्रभुनाथ सिंह को मात दी थी. सिग्रीवाल को 3,20,753 वोट मिले थे, जबकि प्रभुनाथ सिंह को 2,82,338 वोट हासिल हुए थे
बहरहाल महाराजगंज से अपवाद में मृत्युंजय प्रसाद को छोड़ दिया जाय तो शुरू से ही राजपूत और भूमिहार उम्मीदवारों ने ही जीत हासिल की है. ऐसे में प्रभुनाथ सिंह के पोस्ट से तहलका मचना स्वाबाविक है. अब देखना होगा कि प्रभुनात सिंह के पोस्ट के बाद और रणधीर सिंह के बगावत के बाद कांग्रेस का रुख क्या होगा.