नेता प्रतिपक्ष ने विपक्षी एकता की बैठक को क्यों बोला भ्रष्टाचारियों की एकता, नीतीश की पहल पर विजय सिन्हा का हमला

पटना. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. नये संसद भवन के उद्घाटन के ठीक एक दिन बाद सोमवार को भाजपा ने विपक्ष की जून माह में होने वाले बैठक को लेकर तंज कसा है. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि ये विपक्षी दलों की एकता नहीं भ्रष्टाचारियों की एकता है. विपक्ष के सभी दल देश की अखंडता और एकता के प्रति गंभीर नहीं हैं इसलिए भाजपा के राष्ट्रवाद पर लगातार चोट कर रहे हैं. ये सभी तुष्टिकरण की राजनीति में डूब चुके हैं और अपनी- अपनी संपत्ति खोने और जेल जाने के डर से एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे हैं.

विपक्ष पर हमलावर है भाजपा  : इससे पहले राजद द्वारा नई संसद की तुलना ताबूत से करने वाले ट्वीट पर भी बीजेपी ने जमकर राजद को घेरा था और उनके इस कार्य की भूरी- भूरी आचोलना की थी. सांसद सुशील कुमार मोदी ने तो देशद्रोह का मुकदमा तक दर्ज कराने की बात कही. वहीं बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा था कि 2024 में जनता विपक्ष को इसी ताबूत में पैक करेगी.

विपक्ष की आवाज हैं नीतीश- जदयू : आगामी 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक होगी, जिसमें तमाम विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे. बैठक में लोकसभा चुनाव के रोडमैप और सीटों के बंटवारे पर भी चर्चा हो सकती है. इस मामले पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि विपक्षी एकता की बैठक 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अहम बैठक है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष की आवाज हैं, न कि पीएम पद के संभावित उम्मीदवार हैं.

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सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार ने जिस विपक्षी एकता की पहल की है उसमें 12 जून को भाजपा को बड़ा संदेश देने में सफल होंगे. बैठक में करीब डेढ़ दर्जन राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है. इसमें बिहार में सत्तासीन महागठबंधन के सात दलों के अलावा समाजवादी पार्टी, टीएससी, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव गुट) जैसे दलों के नाम शामिल हैं.