MASAURHI : पटना- गया रेलखंड के तारेगना स्टेशन से उतर सरवां रेल पुल स्थित पोल संख्या- 28/30 के पास से बीते शुक्रवार की सुबह जीआरपी ने डाउन रेलवे ट्रैक से 25 वर्षीया जिस विवाहिता का शव बरामद किया था उसकी पहचान हो गई है.मृतका रेखा देवी मसौढ़ी थाना के मणिचक निवासी भुनेश्वर प्रसाद के पुत्र रामु कुमार की पत्नी बताई जाती है. रविवार को उसकी पहचान उसके भाई गौरीचक थाना के चकरहिमा गांव निवासी विद्यानन्द यादव के पुत्र मनीष कुमार ने की है.
गौरतलब है कि शव बरामद होने के बाद तारेगना जीआरपी ने उसे पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया था और इस संबंध में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था. हालांकि स्थानीय लोगों ने आशंका जताई थी कि विवाहिता की अन्यत्र हत्या कर उसे ट्रेन से कटकर हुई मौत का रूप देने के लिए शव को डाउन रेलवे ट्रैक के बीच रख दिया गया होगा. जीआरपी ने भी मृतका के सिर में चोट के निशान होने की बात कही थी.
पति ने घर से निकाला था फिर पुलिस ने नए मकान में रखवाया ,मकान की बिक्री को 16 लाख एडवांस ले रखा था पति , अड़चन बनी तो कर दी हत्या
मृतका के भाई मनीष कुमार ने उसके ससुरालवालों पर साजिश के तहत हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए बताया कि उसकी बहन की शादी वर्ष 2009 में हुई थी . शादी के कुछ माह बाद से दहेज़ के लिए उसे प्रताड़ित किया जाने लगा था. बाद में उसके पति का किसी दूसरी महिला के साथ संबंध हो गया. इसका विरोध करने पर उसने और उसके घरवालों ने उसकी बहन को मारपीट कर घर से निकाल दिया.
इसे लेकर उसकी बहन ने उनलोगों के खिलाफ मसौढ़ी थाना में कांड संख्या 420 /22 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. बाद में उस समय के तत्कालीन थानाध्यक्ष रंजीत रजक ने उसकी बहन को पाली मोड़ स्थित उसके पति के नए मकान में रहने की इजाजत दे दी थी. उसकी बहन पिछले करीब एक साल से उसी मकान में अकेले रह रही थी. फिर इसी मामले में बाद में पुलिस ने उसके पति को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था.
कोर्ट से जमानत पर छूटा था आरोपी पति
हालांकि इसके बाद मसौढ़ी न्यायालय ने पीड़िता को ठीक से रखने और उसकी जरूरतों को पूरा करने की शर्त पर उसके आरोपी पति को जमानत मिल गयी थी. आरोप है कि कोर्ट से जमानत मिलने के कुछ दिन बाद उसके पति ने उक्त मकान की बिक्री के लिए किसी प्रोपर्टी डीलर से एग्रीमेंट करा लिया. जिसपर पीड़िता रेखा देवी ने विरोध जताते हुए इसकी शिकायत मसौढ़ी थाना व न्यायालय से की. बाद में न्यायालय ने इसपर संज्ञान लेते हुए बिना पीड़िता की सहमती के मकान की बिक्री पर रोक लगा दी थी.
मृतका के भाई मनीष का आरोप है कि न्यायालय के इस आदेश के बाद उसकी बहन की मकान बिक्री में सहमती देने के लिए कई बार पिटाई भी की गई. लेकिन इसके बाबजूद उसने मकान बेचने की सहमती नहीं दी. वह अपने हक़ अधिकार के लिए बीते एक साल से अकेले थाना , कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रही थी.
इधर उसके पति ने उक्त मकान की बिक्री के लिए प्रोपर्टी डीलर से 16 लाख रूपए ले लिए थे. मकान का दाम कुल 65 लाख में तय किया गया था. मनीष का आरोप है कि इसे लेकर उनलोगों ने उसकी बहन की पहले हत्या की और फिर बाद में साक्ष्य छुपाने को उसका शव रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया. मनीष कुमार ने इस हत्याकांड में मृतका के पति रामू कुमार , सास रामसखिया देवी , ननद रूबी कुमारी , बेबी कुमारी , भैंसुर राजू यादव , शोले कुमार , देवर संजय यादव व मकान का एग्रीमेंट करने वाले अज्ञात प्रॉपर्टी डीलर को आरोपित किया है.
इस संबंध में एएसपी शुभम आर्य ने बताया कि इस मामले में जीआरपी थाना में पूर्व में एक यूडी केस दर्ज किया गया है. शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस इस मामले में सभी बिन्दुयों पर जांच कर आगे की कारवाई करेगी