मुम्बई- महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिरता पर प्रश्न उठाया जा रहा है. फडणवीस को कथित तौर पर ‘कलंक' कहने को लेकर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनसे अपनी टिप्पणी वापस लेने की मांग की. इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने तो सिर्फ कलंक कहा है. कलंक शब्द अगर उन्हें इतना बुरा लगा है, तो लोगों के घर ईडी, सीबीआई भेजकर उन्हें कलंकित करते हैं, उसका क्या है?
महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से हलचल है.आखिर अजीत पवार बार बार शरद पवार से मुलाकातें क्यों कर रहे हैं. क्या भारतीय जनता पार्टी को इन मुलाकातों से अनजान हैं. कहा जा रहा है कि अजीत पवार की कोशिश शरद पवार को अपने साथ लाने की है,वह चाहते हैं कि एनसीपी एकजुट हो कर रहे, लेकिन शरद पवार मान नहीं रहे, उन्होंने इस बार भी अजीत पवार को दो-टूक जवाब दिया है कि वह भाजपा के साथ कभी नहीं जाएंगे.
जब राजनीति में शरद पवार के 50 साल पूरे होने का पुणे में जश्न मनाया गया तो पवार को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री दवेंद्र फड़नवीस दोनों मौजूद थे. पवार और मोदी दोनों ने एक दूसरे की तारीफ़ की, मोदी ने यहां तक कहा कि राजनीति के शुरुआती दिनों में पवार ने उनका साथ दिया था. तब शरद पवार ने उनकी तारीफ़ करते हुए कहा था कि वह मोदी के काम करने के तरीके से आश्चर्यचकित हो जाते हैं, कल वह जापान में थे और सुबह वह गोवा गये, दोपहर में बेलगाम आये और अब वह वीएसआई पूना में हैं. मुझे नहीं पता कि वह रात में कहां जा रहे हैं. पवार ने कहा यह देश के हित के प्रति उनकी पूर्ण प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इसके कुछ महीने बाद ही मोदी सरकार ने जनवरी 2017 में शरद पवार को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. अब यह बात किसी के पल्ले नहीं पड़ रही कि अजीत पवार की मुलाकातें शरद पवार को भाजपा के साथ लाने की कोशिशों का हिस्सा है. कुछ दिन पहले जब अजीत पवार और अन्य मंत्री अचानक शरद पवार से मिलने पहुंच गए थे, तो सुप्रिया सुले को समझ नहीं आया था कि यह क्या हो रहा है. उन्हें डर था कि अजीत पवार दबाव डाल कर शरद पवार से कुछ गलत न करवा लें, इसलिए उन्होंने फोन करके महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल को बुला लिया था, लेकिन शनिवार 12 अगस्त को पुणे में हुई गोपनीय बैठक में जयंत पाटिल भी मौजूद थे.
अजीत पवार को गद्दार कहने वाले संजय राउत ने कहा है कि अगर नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ मिल सकते हैं, तो शरद पवार और अजीत पवार क्यों नही मिल सकते?
इधर उद्धव ठाकरे ने कहा कि अपने देश और महाराष्ट्र का राजनीति का स्तर जो गिरा है, उसे लेकर लोगों में नाराजगी है. सरकार अब भी राज्य की जनता के सवालों पर ध्यान देती नही दिख रही है. सरकार आपके द्वार कार्यक्रम तो हो रहा है, लेकिन लोगों के घरों का क्या हाल है, इस पर ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि आज देश की राजनीति आईपीएल जैसी हो गई है. कौन किस तरफ से खेलता है पता ही नहीं चलता.बहरहाल महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी क्या रुप लेगी आने वाले समय में हीं पता चल पाएगा.