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'कंबल' दिलायेगा टिकट? विप की 'चंपारण' सीट से टिकट चाहते हैं कारोबारी, बड़े दल के सामने खोल दी थैली

'कंबल' दिलायेगा टिकट? विप की 'चंपारण' सीट से टिकट चाहते हैं कारोबारी, बड़े दल के सामने खोल दी थैली

PATNA: बिहार में पंचायत चुनाव खत्म हो गये हैं। इसके साथ ही विधान परिषद की खाली 24 सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू हो गई हैं। खाली सीटों को भरने के लिए स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि एमएलसी का चयन करेंगे। राज्य में विधान परिषद में इस समय 51 सदस्य हैं। जबकि कुल सदस्यों की संख्या 75 है। जून में ही 24 सीटें खाली हो चुकी हैं। पंचायत चुनाव में देरी के कारण इन सीटों को नहीं भरा जा सका है। माना जा रहा है कि एमएलसी चुनाव में एनडीए और राजद के बीच सीधा मुकाबला होगा। अब पैसे वाले लोग सत्ता पक्ष व विपक्षी नेताओं को खुश करने में जुट गये हैं। मकसद है कि किसी तरह से स्थानीय निकाय से विधानपरिषद चुनाव में समर्थन(टिकट) हासिल हो जाये। अब एक नये नेताजी जो अभी तक कारोबारी हैं वे टिकट की आस में छटपटा रहे हैं। समर्थन(टिकट) देने वाले जैसा कह रहे नये धनकुबेर वैसा ही कर रहे। थैली वाले कारोबारी विप की चंपारण सीट से बड़े दल का समर्थन चाहते हैं।  

...तो कंबल दिलायेगा टिकट?

बात एक दिन पहले की है यानी एक जनवरी की। राजधानी पटना में नये साल पर 'भावी' C....की तरफ से गरीबों के बीच कंबल का वितरण किया जाना था। बड़ी पार्टी के नेता व घर के 'राजकुमार' की तरफ से करीब कंबल की व्यवस्था करने को कहा गया। बस क्या था....फऱमान के बाद उनके सिपहसलारों ने एक नये 'शख्स' को पकड़ा. वो शख्स राजधानी का बड़ा फर्नीचर व्यवसायी है और अंदर ही अंदर माननीय बनने का सपना संजोये है। अब जबकि चुनाव का समय आ गया है। विधानपरिषद सीटों पर चुनाव होने हैं। इस चुनाव में धनबल का जमकर प्रयोग होता है। लिहाजा कारोबारी से नेता बनने की जुगत में लगे उस शख्स ने पिटारा खोल दिया। हुक्म मिलते ही उसने हजारो कंबल 'हाऊस' के बाहर उतार दिये। इस तरह से 'जोड़े' ने कंबल का वितरण कर खूब सुर्खियां बटोरी। शायद उस कारोबारी शख्स को यह विश्वास दिलाया गया होगा कि कंबल ही उसे वि.प. की टिकट दिला देगा। खैर.....कंबल टिकट दिलायेगा या नहीं यह तो भविष्य के गर्त में है. 

चंपारण से विप की टिकट की आस में खोल दी थैली

अब हम आपको बताते हैं कि वो कारोबारी जिसने बांटने के लिए कंबल की व्यवस्था कराई वो कहां से टिकट चाहते हैं। दरअसल, कारोबारी का पटना में बड़ा फर्नीचर व्यवसाय है। बताया जाता है कि पटना के राजाबाजार समेत अन्य जगहों पर फर्नीचर शो-रूम है। इस बार वो विप का टिकट लेने को लेकर बड़े दल के नेताओं के चक्कर लगा रहे। जानकारी के अनुसार कारोबारी शख्स चंपारण के रहने वाले हैं और उसी क्षेत्र से विप का टिकट(समर्थन) हासिल करने की फिराक में हैं। जानकार बताते हैं कि उस कारोबारी ने 'माध्यम' को बता दिया है कि जो भी होगा वो करेंगे लेकिन टिकट(समर्थन) मिलना चाहिए। एक बात और बता दें,कारोबारी जिस वर्ग से आते हैं उस समुदाय को वो दल टिकट देने में हिचकता है। यूं कहें कि पसंद नहीं करता। वैसे वे बड़े थैली वाले हैं । इतिहास गवाह है कि उस बड़े दल में थैली वाले को दिल के करीब रखा जाता है। 

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