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बार-बार पाला बदलने वाली सांसद वीणा देवी पर 'चिराग' करेंगे भरोसा ? क्या गारंटी फिर से नहीं देंगी गच्चा... 2021 में बीच मंझधार में छोड़ दिया था, चुनाव नजदीक देख फिर से साथ

बार-बार पाला बदलने वाली सांसद वीणा देवी पर 'चिराग' करेंगे भरोसा ? क्या गारंटी फिर से नहीं देंगी गच्चा... 2021 में बीच मंझधार में छोड़ दिया था, चुनाव नजदीक देख फिर से साथ

PATNA: लोजपा में चाचा-भतीजे के बीच शह-मात का खेल जारी है. कभी चाचा अपने भतीजे को चित्त कर दे रहे तो कभी भतीजा अपने चाचा पर भारी पड़ रहा. चाचा-भतीजे की इस लड़ाई में लोजपा सांसद भी भरोसे के नहीं रहे. एक सांसद ने पहले भतीजे चिराग पासवान को गच्चा दिया,और अब चाचा पशुपति पारस को. बड़ा सवाल यही है कि ऐसे सांसद पर चिराग पासवान फिर से भरोसा करेंगे ? ऐसे लोगों को फिर से लोकसभा का टिकट देने और अगर चुनाव जीत गए तो पाला नहीं बदलेंगे ? 2019 लोस चुनाव में लोजपा के टिकट पर वैशाली से चुनाव जीतने के बाद वीणा देवी ने जून 2021 में चिराग पासवान को बीच मंझधार में छोड़ दिया था. उन्होंने पाला बदलते हुए पशुपति पारस गुट में शामिल हो गई थीं. अब लोकसभा का चुनाव सिर पर है. लिहाजा वीणा देवी ने फिर से पलटी मारी है. इस बार चाचा पारस को गच्चा दे दी हैं और भतीजे के साथ हो गईं. 

सांसद वीणा देवी ने बदला पाला

बता दें, 28 नवंबर को पटना में लोजपा के स्थापना दिवस समारोह में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला था. पारस गुट की सांसद वीणा देवी ने केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को गच्चा दे दीं. पटना में चिराग पासवान के मंच पर जा पहुंची. पारस गुट की सांसद वीणा देवी ने चिराग पासवान के साथ मंच साझा कर मैसेज दे दिया कि अब उन्होंने पशुपति पारस का साथ छोड़ दिया है. यानि 2021 में भतीजे को गच्चा और अब चाचा को . 

वीणा देवी ही पारस गुट से सबसे पहले भागीं

इधर, केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने गुरुवार को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के केन्द्रीय संसदीय बोर्ड तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया गया है। नई केन्द्रीय संसदीय बोर्ड का पुर्नगठन यथाशीघ्र करने की बात कही गई है. रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो गुटों में बंट गई। एक गुट का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी पड़ा जिसके अध्यक्ष रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस बने। दूसरे गुट का नाम लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) पड़ा. लोजपा के छह सांसदों में पारस समेत पांच सांसद चिराग पासवान से अलग हो गए. इ पांच में वैशाली की सांसद वीणा देवी भी थीं. चिराग को कमजोर करने का चक्रव्यूह रचना सांसद विणा देवी के घर पर ही रची गई थी। अब वही वीणा देवी सबसे पहले पारस गुट से भाग खड़ी हुईं. 



 

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