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न्याय यात्रा से राहुल गांधी रोकेंगे 24 के लोकसभा चुनाव में मोदी की विजय रथ यात्रा? कांग्रेस की कमजोर काया को मिलेगा सियासत का मल्टीविटामिन वाला डोज...

न्याय यात्रा से राहुल गांधी रोकेंगे 24 के लोकसभा चुनाव में  मोदी की विजय रथ यात्रा? कांग्रेस की कमजोर काया को मिलेगा सियासत का मल्टीविटामिन वाला डोज...

PATNA- पांच राज्यों में हुए चुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था. कांग्रेस को धक्का लगा था. कांग्रेस को इंडी गठबंधन तक में बैकफुट पर होना पड़ा था. अब भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अबभारत न्याय यात्रापर 14 जनवरी से निकलने वाले हैं.कांग्रेस पार्टी के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी पूरब से पश्चिम तक की यात्रा करेंगे. मार्च में लोकसभा चुनाव कीरणभेरी बजने वाली है, ऐसे में राहुल गांधी 14 जनवरी से मणिपुर से भारत न्याय यात्रा शुरू कर रहे हैं. यह यात्रा 14 राज्यों से गुजरेगी और 20 मार्च को इसका समापन मुंबई में होगा. जिन राज्यों से यह यात्रा गुजरेगी, वहां से लोकसभा की 355 सीटें हैं, इनमें से साल 2019 के चुनाव में 238 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया वही कांग्रेस के पास मात्र 14 सीटें हैं. 

राहुल जिन 14 राज्यों की यात्रा पर निकलने वाले है उनमें से सात मणिपुर, असम, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात में भाजपा की सरकार है तो महाराष्ट्र में एनडीए सरकार है और मेघालय और नगालैंड में भाजपा क्षेत्रीय दलों के साथ सरकार में शामिल है. तीन राज्यों बंगाल, बिहार और झारखंड में इंडी गठबंदन की सरकार है. ओडिशा की बात करें तो बीजू जनता दल सरकार न तो इंडी गठबंधन में हैं और न एनडीए में.14 राज्यों में राहुल की न्याय यात्रा होने वाली है उनमें असम, मणिपुर, राजस्थान, मप्र, छत्तीसगढ़ और गुजरात में कांग्रेस और भाजपा की लड़ाई आमने-सामने की हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात की कुल 91 सीटों में से भाजपा के पास 88 सीटें और कांग्रेस के पास तीन सीटें हैं.वहीं  उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, बंगाल और उड़ीसा में भाजपा का मुकाबला क्षेत्रीय दलों के साथ कांग्रेस से है. 

उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और महाराष्ट्र में भाजपा का मुकाबला क्षेत्रीय दलों से है. कुल 224 सीटों में से 131 सीटें भाजपा के कब्जे में है वहीं कांग्रेस केवल 6 सीट हीं जीत पाई थी.इन राज्यों में 150 सीटें एनडीए के पास और 61 सीटें इंडी गठबंधन के पास है. इसके अलावा 10लोकसभा सीट पर बसपा तो दो एआईएमआईएम और एक आजसू के पास है.बिहार, झारखंड, बंगाल और महाराष्ट्र में कुल 144 सीटें हैं और इसमें से 69 सीटें भाजपा के पास हैं और एनडीए के अन्य सहयोगी दलों की 17 सीटें हैं. दूसरी ओर इंडी गठबंधन दलों की 55 सीटें हैं. उत्तर प्रदेश में सपा और रालोद के इंडिया गठबंधन में आ जाने से स्थिति कुछ सीटों पर मजबूत हो सकती है. जातिगणना या सामाजिक न्याय के मुद्दे पर भाजपा पहले तो क्या करें क्या न करें की स्थिति में रही लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी काट के तौर पर गरीब, किसान, महिला और युवाओं को सामने रखना शुरू किया. 

पांच राज्यों में हुए चुनाव में भाजपा की तीन राज्यों में सरकार बनी है तो कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं था. वहीं राहुल की यात्रा बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से भी गुजरेगी. तो राहुल की यात्रा मणिपुर से शुरू हो रही है. झारखंड, बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश से लेकर गुजरात तक के आदिवासियों को राहुल संबोधित करेंगे. सवाल है कि राहुल की यात्रा भारत जोड़ो की तरह असरदार साबित होगी और कांग्रेस ही नहीं बल्कि इंडी गठबंधन के दलों को इतनी ताकत दे दे कि वे 2019 के मुकाबले अपना प्रदर्शन और सुधार सकें. सबसे बड़ा सवाल है कि मोदी की जीत का रथ राहुल की यह यात्रा रोक पाएगी. राहुल गांधी और कांग्रेस  दोनों के लिए साल 2024 का चुनाव बेहद अहम है. सबसे अहम है कि क्या मोदी लहर को राहुल कांग्रेस लहर में तब्दिल कर पाएंगे.

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