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महिला आरक्षण : राबड़ी देवी की मांग के समर्थन में उतरे सीएम नीतीश, मोदी सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

महिला आरक्षण : राबड़ी देवी की मांग के समर्थन में उतरे सीएम नीतीश, मोदी सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

पटना. महिला आरक्षण पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि इस सरकर की मंशा आरक्षण लागू करना नहीं है. यह इसी से स्पष्ट होता है कि केंद्र ने अब तक जनगणना नही कराई है. लोकसभा में महिला आरक्षण पर चल रही चर्चा को लेकर नीतीश ने कहा कि हम तो शुरू से इसके पक्षधर रहे हैं. उन्होंने  महिला आरक्षण लागू होने में विलंब की ओर संकेत देते हुए कहा कि जब जनगणना ही नहीं हुई है तो आरक्षण कैसे लागू होगा? 

नीतीश ने कहा कि जनगणना तो वर्ष 2021 में केंद्र को करना चाहिए था. यह नहीं हुआ. हमने कहा है कि जाति आधारित जनगणना कर लीजिए लेकिन यह नहीं हुआ. हम लोगों की यही मांग है. लेकिन अभी तक जनगणना का काम नहीं हुआ. सीएम नीतीश ने बिहार में महिलाओं की सशक्ति के लिए किए गए कामों को गिनाते हुए कि वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. सीएम ने कहा कि वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. आज पुलिस में जितनी महिलाएं हैं उतना देश में कहीं नहीं है. 

इस दौरान सीएम नीतीश ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि पिछड़ा और अतिपछड़ा वर्ग की जो महिलाएं हैं उनको भी लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण मिल जाना चाहिए. दरअसल, न सिर्फ नीतीश बल्कि लालू यादव की पार्टी राजद भी इसी मांग को दोहराती रही है. एक दिन पहले ही राबड़ी देवी ने भी केंद्र सरकार पर पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को ठगने का आरोप लगाया था. अब नीतीश ने भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि पिछड़ा और अतिपछड़ा वर्ग की जो महिलाएं हैं उनको भी लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण मिल जाना चाहिए. 

हालांकि न सिर्फ नीतीश और राबड़ी देवी बल्कि बुधवार को संसंद में बोलते हुए कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने भी इन्हीं बातों को दोहराया. सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए. इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए.


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