GOPALGANJ: गोपालगंज के कटेया थाना क्षेत्र के कलुआड़ बगही गांव में करंट की चपेट में आने से एक मजदूर की मौत हो गई। मृतक स्व. सतन राम का 20 वर्षीय बेटा पंकज कुमार राम था। सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल में भेज दिया।
घटना का संबंध में बताया जा रहा है कि पंकज कुमार राम अपने गांव में ही मजदूरी करने के लिए गया हुआ था। मजदूरी करने के दौरान वह चापाकल से पानी भरने के लिए गया तो मोटर का तार पूर्व से कटा हुआ था। जिससे चापाकल में करंट दौड़ गया। करंट लगने से मजदूर मौके पर अचेत हो गया। साथ में काम करने वाले दूसरे मजदूर और परिवार के सदस्यों को जब घटना की जानकारी मिली तो वह आननफानन में उसे इलाज के लिए लेकर भोर में स्थित निजी अस्पताल में लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद युवक को मृत घोषित कर दिया। वहीं युवक की मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन की। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल में भेज दिया।
पिता की मौत के बाद पंकज पर थी परिवार की जिम्मेवारी
करंट की चपेट में आने से जान गंवाने वाले पंकज पर उसके पूरे परिवार की जिम्मेवारी थी। पिता स्व. सतन राम की तीन वर्ष पूर्व बीमारी के कारण मौत हो गई थी। सिर से पिता का साया उठने के बाद दो बहनों की शादी, छोटे भाई के पढ़ाई व घर का खर्च पंकज ही मजदूरी कर उठाता था। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह हर रोज मेहनत व मजदूरी करता था। माली हालत ठीक करने के लिए वह हाल ही में पासपोर्ट भी बनवाया था। ताकि विदेश जाकर कमाई कर सके और दोनों की शादी धूम धाम से हो सके। लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था।
गुरुवार को वह गांव में मजदूरी करने गया और करंट की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया है पंकज चार बहन व दो भाई था। दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। दो बहनों की शादी अभी करनी थी। पंकज की मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए उसका दस वर्षीय छोटा भाई अपनी मौसी के लड़कों के साथ सदर अस्पताल में आया था।
पंकज की मौत के बाद परिजनों में पसरा मातम
घर के कमाऊ पुत्र की करंट लगाने से हुई मौत के बाद परिजनों में मातम पसर गया। परिजन दहाड़ मार कर रो रहे थे। उसकी मां, एक छोटे भाई व चार बहनों का तो रो रोकर बुरा हाल था। पंकज की मां बार बार बेटे का शव देखकर बिलाप करते हुए नजर आ रही थी। सदर अस्पताल से शव जब दरवाजे पर पहुंचा तो परिजनों की चित्कार से माहौल गमगीन हो गया। आसपास के लोग परिजनों को समझाने की कोशिश कर रहे थे। मगर उनके आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था। पंकज की विधवा मां को छोटे बेटे की परवरिश, घर का खर्च चलाने व दो बेटियों की शादी करने की चिंता सताने लगी है।