PATNA: बिहार में भूमि सर्वेक्षण( Bihar land survey) का काम चल रहा है. जमीन सर्वे कराने में रैयतों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे कर्मी और अंचल कार्यालय के कर्मचारी जमीन मालिकों की मदद नहीं कर पा रहे. जमीन से संबंधित कागजात निकालने में भू स्वामियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग आधी अधूरी तैयारी के साथ सर्वेक्षण का काम शुरू किया है. लिहाजा रैयतों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. इधऱ, भूमि सर्वे को लेकर हर दिन नई-नई जानकारी भी सामने आ रही है. हालांकि विवाद बढ़ते देख सरकार ने किसानों को जमीन के दस्तावेज तैयार करने के लिए तीन महीने का समय दिया है. इधर सूबे के अंचलाधिकारियों की मीटिंग भी ली जा रही है. सीओ को कार्यप्रणाली में सुधार की नसीहत भी दी जा रही है. आज 25 सितंबर को भी सौ से अधिक अंचलाधिकारियों को पटना बुलाया गया है. विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल और वरिष्ठ अधिकारी सीओ के साथ बैठक कर रहे.
इसके पहले 19 सितंबर को भी मंत्री दिलीप जायसवाल ने सूबे के 168 अंचलाधिकारियों को पटना बुलाया था. इस दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री ने सीओ को नैतिकता, सदाचार और अच्छे आचरण का पाठ पढ़ाया था. मंत्री दिलीप जायसवाल ने अंचलाधिकारियों से कहा था कि आप न्याय की कुर्सी पर बैठे हैं. आपके किसी निर्णय से किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. इस सिद्धांत को आप अपनी जिंदगी का मकसद बना लें। जिस इंसान या अधिकारी के पास नैतिक बल नहीं है, वह कितनी उंची कुर्सी पर चला जाए उसके पद का कोई महत्व नहीं है.
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने उक्त बातें गुरूवार को अंचल अधिकारियों की बैठक में कही थी. अंचल अधिकारियों की बैठक का आयोजन दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन संस्थान, पटना के सभागार में किया गया था. उस दिन मंत्री ने कहा था कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग आम जनता से सीधा जुड़ा विभाग है. कोई भी रैयत जो आपसे मिलने आ रहा है उससे अच्छा बर्ताव करें। काम नहीं होनेवाला हो तो विनम्रता से मना कर दें। हमारे विभाग के बारे में समाज में अच्छा संदेश जाना चाहिए, जिसमें आपकी भूमिका अहम है।
मंत्री ने यह भी बताया था कि विभाग द्वारा आमलोगों को दी जा रही अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन हैं. इसलिए इनके बारे में ठीक से जानकारी प्राप्त कर लें। विभागीय बैठक का आयोजन साफ्टवेयर में किए गए कुछ नए सुधारों के बारे में आपको जानकारी देने के लिए आयोजित किया है। अंचल अधिकारियों को मुख्य रूप से म्युटेशन प्लस और परिमार्जन प्लस के बारे में बताया गया। विभाग ने इसके जरिए म्युटेशन और परिमार्जन में आमलोगों को कई सहुलियतें दी हैं और अंचल कर्मियों को और जिम्मेदार बनाया गया है.
आज से पहले वाली बैठक में दाखिल-खारिज, परिमार्जन, ई-मापी एवं राजस्व से संबंधित अन्य मामलों की समीक्षा की गई थी. खासकर खराब प्रदर्शन वाले अंचल अधिकारियों से उनके प्रदर्शन की वजह पूछी गई। म्यूटेशन में फलका, कटिहार द्वारा 11.87 फीसदी और पकड़ी बड़ावा, नवादा द्वारा 20.35 फीसदी मामलों का ही निष्पादन करने पर चेतावनी दी गई.इसी तरह म्युटेशन के सबसे ज्यादा लंबित मामले पाए जाने पर चनपटिया, पश्चिम चंपारण और बोध गया, गया के अंचल अधिकारी को कड़ी चेतावनी दी गई थी. विभाग के सचिव जय सिंह ने स्पष्ट किया था कि एक भी म्यूटेशन पर्याप्त कारण के बगैर खारिज नहीं की जानी चाहिए।