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राजस्थान की IAS महिला के बिगड़े बोल, बेरोजगार युवाओं से पूछ लिया ऐसा सवाल की मच गया बवाल, वीडियो वायरल

राजस्थान के IAS अधिकारी के बयान पर व्यापक नाराजगी व्यक्त की जा रही है, खासकर बेरोजगार युवाओं की ओर से, जो पहले से ही नौकरी की कमी से परेशान हैं।

राजस्थान की IAS महिला के बिगड़े बोल, बेरोजगार युवाओं से पूछ लिया ऐसा सवाल की मच गया बवाल, वीडियो वायरल
राजस्थान की IAS महिला के बिगड़े बोल- फोटो : social media

IAS Gayatri Rathod statement: राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में प्रमुख सचिव को बेरोजगार युवाओं से संवाद करते हुए देखा जा सकता है, जिसमें उन्होंने एक युवा के सवाल पर कहा, "क्या तुम सरकार से पूछकर पैदा हुए हो?" उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है, और इस पर व्यापक स्तर पर आलोचना हो रही है।


बेरोजगार युवा से मिलने पर हुआ प्रकरण

घटना के अनुसार, कुछ दिनों पहले बेरोजगार युवाओं का एक समूह अपनी समस्या लेकर प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ से मिलने पहुंचा। उनमें से एक युवक ने कहा कि नौकरी के अभाव में उसकी उम्र निकल रही है और उसे समझ नहीं आ रहा कि वह क्या करे। इस पर अधिकारी ने पलटकर कहा, "क्या तुम सरकार से पूछकर पैदा हुए हो?"




 सोशल मीडिया पर यूजर्स की प्रतिक्रिया

इस बयान के बाद से वीडियो ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया है, और इस पर कई यूजर्स ने प्रतिक्रिया दी है। वीडियो देखने के बाद कई यूजर्स ने इस बयान को बेरोजगारों की समस्या को नजरअंदाज करने वाला और असंवेदनशील बताया।


एक यूजर ने लिखा, "सरकारी पद पर रहते हुए इस तरह की टिप्पणी करना बहुत ही असंवेदनशील है। बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्या का समाधान करने की बजाय, इस प्रकार का बयान युवाओं की परेशानियों को नजरअंदाज करने के समान है।"


एक अन्य यूजर ने कहा, "इन अधिकारियों को आईएएस बनने में मेहनत करनी पड़ी होती है, इसलिए वे समय के साथ घमंडी हो जाते हैं। इस बयान से ऐसा लग रहा है जैसे यूपीएससी में भी कुछ गलत चल रहा है।"


एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "जिनकी जिंदगी में स्थायित्व आ गया है, वे बेरोजगारों के दर्द को समझ ही नहीं सकते। ऐसा बयान देने की हिम्मत तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक भी नहीं कर सकते हैं।"


इस बयान ने खड़े किए कई सवाल

अधिकारी के इस बयान पर व्यापक नाराजगी व्यक्त की जा रही है, खासकर बेरोजगार युवाओं की ओर से, जो पहले से ही नौकरी की कमी से परेशान हैं। कई लोग इसे प्रशासनिक अधिकारियों की जनता से जुड़ाव में कमी और बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं के प्रति असंवेदनशीलता का प्रतीक मान रहे हैं।


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