Ajmer pushkar fair: पुष्कर मेले में 10 लाख का मुर्रा भैंसा बना आकर्षण का केंद्र, देखने उमड़ी भीड़

Ajmer pushkar fair: राजस्थान के अजमेर जिले में जारी विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेले में बीकानेर से आया 800 किलो का मुर्रा भैंसा आकर्षण का केंद्र बन गया है, जिसकी कीमत करीब 10 लाख रुपये बताई जा रही है।

Ajmer pushkar fair
पुष्कर मेले में 10 लाख रुपये का मुर्रा भैंसा- फोटो : social media

Ajmer pushkar fair:  विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला 2025 इस बार एक अनोखे मेहमान की वजह से सुर्खियों में है। बीकानेर के एक पशुपालक अपने साथ करीब 800 किलो वजनी मुर्रा नस्ल के भैंसे को लेकर पुष्कर के रेतीले धोरों में पहुंचे हैं।इस शानदार भैंसे की कीमत लगभग ₹10 लाख रुपये बताई जा रही है, और इसे देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी है।

बीकानेर से आया भारी-भरकम ‘मुर्रा’ भैंसा

मेले में आने वाले पशुपालकों के बीच यह मुर्रा भैंसा चर्चा का मुख्य विषय बन गया है।भैंसे के मालिक का कहना है कि उन्होंने इसे प्यार और देखभाल से पाला है।इसका चमकदार काला रंग, चौड़ी छाती और मजबूत कद-काठी इसे बाकी जानवरों से अलग बनाती है।भीड़ में मौजूद पर्यटक लगातार भैंसे के साथ सेल्फी ले रहे हैं।विदेशी सैलानी भी इस भारी-भरकम जानवर को देखकर हैरान हैं और सोशल मीडिया पर इसके वीडियो शेयर कर रहे हैं।

मालिक बोले मेरे भैंसे की मांग देशभर में है

भैंसे के मालिक ने बताया कि उन्होंने इसे दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया है। उन्होंने कहा कि इस नस्ल के भैंसे से देशी पशुओं की प्रजनन क्षमता और दूध उत्पादन दोनों बढ़ते हैं।यही कारण है कि कई पशुपालक इसकी ऊंची कीमत देने को तैयार हैं। मालिक ने यह भी बताया कि भैंसे का विशेष आहार और देखभाल की जाती है इसका खाना दूध, चना, हरा चारा और सूखे मेवे का संतुलित मिश्रण होता है।

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना भैंसा

पुष्कर मेला वैसे तो ऊंट, घोड़े और गायों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इस बार मुर्रा भैंसे की ताकत और काया ने सबका ध्यान खींच लिया है। हर दिन सुबह से शाम तक सैकड़ों लोग इस भैंसे को देखने पहुंच रहे हैं। कई पशुपालक इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखा चुके हैं, जबकि कुछ विदेशी पर्यटक इसे इंडियन सुपर बफेलो कहकर संबोधित कर रहे हैं।

पुष्कर मेला बना पशु प्रेम और परंपरा का संगम

राजस्थान का पुष्कर मेला केवल व्यापार का नहीं, बल्कि संस्कृति और आस्था का भी प्रतीक है।यहां देशभर से पशुपालक अपने सर्वश्रेष्ठ जानवरों को लेकर आते हैं। इस बार का मेला खास इसलिए भी है क्योंकि इसमें आधुनिक पशुपालन तकनीकों और नस्ल सुधार कार्यक्रमों का प्रदर्शन भी हो रहा है।