Shubham Gill News: वियान मुल्डर ने टेस्ट कप्तानी डेब्यू में रचा इतिहास, शुभमन गिल से छीना रिकॉर्ड
Shubham Gill News: वियान मुल्डर ने अपने टेस्ट कप्तानी डेब्यू में दोहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया। जानिए कैसे शुभमन गिल इस रिकॉर्ड से चूक गए और मुल्डर बने तीसरे खिलाड़ी।

Shubham Gill News: भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए एक बड़ी खबर तब आई जब भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का नया कप्तान नियुक्त किया गया। यह एक ऐतिहासिक पल था क्योंकि गिल के युवा कंधों पर टीम की कप्तानी की ज़िम्मेदारी डाली गई थी।
लीड्स टेस्ट में उन्होंने बतौर कप्तान अपने करियर की शुरुआत की और 147 रनों की शानदार पारी खेली। यह प्रदर्शन निश्चित ही प्रशंसनीय था, लेकिन वह दोहरा शतक लगाने से चूक गए। अगर गिल 200 रन पूरे कर लेते, तो वे कप्तानी डेब्यू में दोहरा शतक लगाने वाले विश्व के तीसरे बल्लेबाज़ बन जाते। इस पारी में उनका आत्मविश्वास, फॉर्म और नेतृत्व कौशल दिखा, लेकिन क्रिकेट एक आंकड़ों का खेल है और आंकड़े ही इतिहास रचते हैं। वहीं दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका के युवा खिलाड़ी वियान मुल्डर ने वही मौका भुनाया जो गिल से फिसल गया था।
वियान मुल्डर का ऐतिहासिक दोहरा शतक
दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर वियान मुल्डर ने जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे टेस्ट में इतिहास रच डाला। उन्हें इस मैच में कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्होंने उस जिम्मेदारी को बेहद शानदार तरीके से निभाया।नंबर-3 पर बल्लेबाज़ी करते हुए मुल्डर ने केवल 214 गेंदों में दोहरा शतक जड़ दिया। यह न केवल उनके कौशल का परिचायक था, बल्कि इसने उन्हें एक खास क्लब में शामिल कर दिया, टेस्ट कप्तानी डेब्यू में दोहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाजों का क्लब।
उनसे पहले केवल दो खिलाड़ी यह कारनामा कर पाए थे:
ग्राहम डाउलिंग (न्यूजीलैंड, 1968) – भारत के खिलाफ
शिवनारायण चंद्रपॉल (वेस्टइंडीज, 2005) – दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ
अब वियान मुल्डर इस सूची में तीसरे स्थान पर शामिल हो गए हैं।
डेविड बेडिंगहम के साथ 184 रनों की साझेदारी
मुल्डर जब मैदान पर उतरे, तो टीम का स्कोर मात्र 11 रन था और पहला विकेट गिर चुका था। जल्द ही दूसरा विकेट भी गिरा, लेकिन इसके बाद उन्होंने टीम को संभालते हुए डेविड बेडिंगहम के साथ 184 रनों की साझेदारी की। यह साझेदारी न केवल स्कोरबोर्ड के लिए अहम थी, बल्कि टीम की मनोबल बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण रही। यह साझेदारी बताती है कि मुल्डर में संकट की स्थिति में टीम को संभालने की काबिलियत है। उनका दोहरा शतक सिर्फ व्यक्तिगत कीर्तिमान नहीं था, बल्कि पूरी टीम के लिए स्थायित्व की मिसाल था।