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Aaj Ka Panchang 26 November 2024: पंचांग की मदद से जानें उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त, कब तक रहने वाला है राहुकाल

उत्पन्ना एकादशी व्रत जीवन में पवित्रता और मनोवांछित फल की प्राप्ति का मार्ग है। भगवान विष्णु की आराधना, दान, और भक्ति से यह दिन विशेष रूप से पुण्यकारी बन सकता है। सभी भक्तों को व्रत और पूजा के लिए शुभकामनाएं!

Aaj Ka Panchang 26 November 2024: पंचांग की मदद से जानें उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त, कब तक रहने वाला है राहुकाल
जानें आज का पंचांग 26 नवंबर 2024- फोटो : social media

Aaj Ka Panchang 26 November 2024 (आज का पंचांग 26 नवंबर 2024): उत्पन्ना एकादशी के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर होगा। आज के दिन हस्त नक्षत्र रहेगा। पंचाग के अनुसार पूजा का समय 26 नवंबर सुबह 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहने वाला है। इस मुहूर्त में पूजा करना शुभ होगा। आज के दिन राहुकाल का समय दोपहर 03 बजे से सायंकाल 04:30 बजे तक रहेगा। अब पढ़ें आज का पूरा पंचांग।

दिन विशेष: उत्पन्ना एकादशी

तिथि: एकादशी (कृष्ण पक्ष)

माह: मार्गशीर्ष

पर्व: उत्पन्ना एकादशी व्रत

वार: मंगलवार

सूर्य और चंद्र का समय

सूर्योदय: सुबह 6:53 बजे

सूर्यास्त: शाम 5:25 बजे

चंद्र राशि: कन्या (स्वामी: बुध)

सूर्य राशि: वृश्चिक (स्वामी: मंगल)

आज के नक्षत्र और योग

नक्षत्र: हस्त

योग: प्रीति

करण:

बव (दोपहर 2:26 बजे तक)

बालव (उसके बाद)

शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त: 11:54 पूर्वाह्न से 12:26 अपराह्न तक

विजय मुहूर्त: 2:23 अपराह्न से 3:26 अपराह्न तक

गोधूलि मुहूर्त: 6:23 अपराह्न से 7:23 अपराह्न तक

ब्रह्म मुहूर्त: 4:03 पूर्वाह्न से 5:09 पूर्वाह्न तक

अमृत काल: 6:03 पूर्वाह्न से 7:42 पूर्वाह्न तक

निशीथ काल: 11:41 रात्रि से 12:21 रात्रि तक

संध्या पूजन का समय: 6:21 अपराह्न से 7:04 अपराह्न तक

अशुभ मुहूर्त

राहुकाल: 3:00 अपराह्न से 4:30 अपराह्न तक

दिशा शूल: उत्तर दिशा (इस दिशा की यात्रा से बचें। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो एक दिन पहले ही प्रस्थान करें।)

क्या करें?

भगवान विष्णु की उपासना करें:

"ॐ नमो भगवते वासुदेवायः" मंत्र का जाप करें।

श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।

विष्णु मंदिर जाकर भगवान के विग्रह की चार परिक्रमा करें।

दान-पुण्य:

सात प्रकार के अन्न का दान करें।

अन्न दान से पुण्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

व्रत पालन:

फलाहार व्रत रखें।

एकादशी व्रत करने से पाप नष्ट होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।

शास्त्रीय पाठ:

श्री राम रक्षास्तोत्र का पाठ करें।

भगवान कृष्ण के नाम का जाप और संकीर्तन करें।

क्या न करें?

एकादशी के दिन चावल का सेवन बिल्कुल न करें।

वाणी और कर्म में अनुशासन बनाए रखें।

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