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aaj ka panchang Tuesday 19 November 2024: जानें 19 नवंबर 2024 का पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त, दिशा शूल, राहुकाल और विशेष पूजा विधि।

जानें 19 नवंबर 2024 का पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त, दिशा शूल, राहुकाल और विशेष पूजा विधि।

aaj ka panchang Tuesday 19 November 2024: जानें 19 नवंबर 2024 का पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त, दिशा शूल, राहुकाल और विशेष पूजा विधि।
आज 19 नवंबर का पंचांग- फोटो : AI GENERATED

Aaj Ka Panchang 19 November 2024 in Hindi (आज का पंचांग 19 नवंबर 2024): मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन दोपहर के 2 बजकर 45 मिनट तक आद्रा नक्षत्र रहेगा। उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र की शुरुआत हो जाएगी। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक रहने वाला है। इस मुहूर्त में पूजा करना शुभ होता है। मंगलवार के दिन राहुकाल का समय दोपहर 03 बजे से 04:30 बजे तक रहेगा। अब आइए जानिए आज का पूरा पंचांग।

मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विशेष मुहूर्त और पूजा विधियों का अपना महत्व है। नीचे 19 नवंबर 2024 के पंचांग का विस्तृत विवरण दिया गया है।

पंचांग    विवरण

माह        मार्गशीर्ष (कृष्ण पक्ष)

तिथि        चतुर्थी

दिवस    मंगलवार

सूर्योदय    06:45 AM

सूर्यास्त    05:27 PM

नक्षत्र    आद्रा (02:54 PM तक), पुनर्वसु शुरू

चंद्र राशि    मिथुन (स्वामी ग्रह बुध)

सूर्य राशि    वृश्चिक (स्वामी मंगल)

करण    बालव (05:29 PM तक), कौलव

योग        साध्य (02:54 PM तक), शुभ

दिशा शूल    उत्तर दिशा (यात्रा से बचें)

शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त: 11:55 AM से 12:34 PM तक

विजय मुहूर्त: 02:24 PM से 03:23 PM तक

गोधूलि मुहूर्त: 06:23 PM से 07:25 PM तक

ब्रह्म मुहूर्त: 04:03 AM से 05:07 AM तक

अमृत काल: 06:06 AM से 07:42 AM तक

निशीथ काल: रात 11:42 से 12:21 तक

अशुभ मुहूर्त

राहुकाल: दोपहर 03:00 PM से 04:30 PM तक

पूजा और उपाय

आज के विशेष पर्व और व्रत

चतुर्थी व्रत: श्री गणेश उपासना का दिन।

मार्गशीर्ष माह: भगवान विष्णु की राम और कृष्ण रूप में पूजा।

क्या करें?

श्री गणेश जी की पूजा:

श्री गणेश नाम का जप करें।

श्री गणेश चतुर्थी के व्रत से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

हनुमान चालीसा:

7 बार पाठ करें।

सुंदरकांड का पाठ करना शुभ।

दान और पुण्य:

सात अन्न और तिल का दान करें।

पवित्र नदी में स्नान करें।

विष्णु सहस्रनाम:

इस पाठ से मनोकामना पूरी होगी।

रुद्राभिषेक और जलाभिषेक:

शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करें।

भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से आत्मशक्ति और भक्ति की प्राप्ति होती है।

क्या न करें?

परनिंदा और दूसरों की आलोचना से बचें।

मार्गशीर्ष मास की विशेषता

मार्गशीर्ष मास में श्री विष्णु जी की पूजा का विशेष महत्व है। यह मास भक्तों को धर्म, आरोग्य और समृद्धि प्रदान करता है। आज का दिन पूजा, जप और दान के लिए अत्यंत शुभ है।

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