UP NEWS: 5 सालों में मंदिर बनवाने में खर्च आया 2150 करोड़ रुपये , कमाई इतनी कि भगवान भी भरते हैं करोड़ों का टैक्स

Ayodhya Ram Mandir News : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में अब तक कुल 2,150 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने मणिरामदास जी की छावनी में ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद यह जानकारी दी। इस बैठक में मंदिर निर्माण की प्रगति और इसके खर्चों पर विस्तार से चर्चा की गई।
चंपतराय ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन 5 फरवरी 2020 को हुआ था, और अब तक सरकार की विभिन्न एजेंसियों को 396 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इनमें से 272 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में, 39 करोड़ रुपये टीडीएस, 7.4 करोड़ रुपये इंप्लाइज स्टेट इंश्योरेंस, 4 करोड़ रुपये अन्य बीमा पालिसी, और विभिन्न अन्य मदों में भुगतान किए गए हैं।
रामलला मंदिर निर्माण के लिए 5 सालों में 2150 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, और इस परियोजना में समाज से मिली आर्थिक सहायता का ही उपयोग किया गया है, जबकि सरकार की कोई आर्थिक मदद नहीं ली गई है। मंदिर का निर्माण कार्य 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है, और जून तक मंदिर पूरी तरह तैयार होने की उम्मीद है। परकोटा का 70 प्रतिशत कार्य, शेषावतार मंदिर का 40 प्रतिशत कार्य भी पूरा हो चुका है। ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि परकोटे का कार्य अक्टूबर तक, सप्त मंदिर का निर्माण मई तक और शेषावतार मंदिर का निर्माण अगस्त तक पूरा होने की संभावना है।
रामजन्मभूमि परिसर में गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है, और इसका अनावरण रामनवमी के दिन 6 अप्रैल को प्रस्तावित है। राम जन्मोत्सव के दिन 12 बजे से 4 मिनट तक रामलला के विग्रह का सूर्य तिलक होगा, और तकनीकी दृष्टि से यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि इस समय सूर्य की रश्मियां गर्भगृह में स्थापित रामलला के ललाट को सुशोभित कर सकें।
पिछले पांच वर्षों में रामलला को 944 किलो चांदी का चढ़ावा अर्पित किया गया था, जो कि केंद्र सरकार की अति प्रमाणिक संस्था मिंट से परीक्षित कराई गई थी। इस चांदी की शुद्धता 92 प्रतिशत पाई गई, और इसे 20-20 किलो की ईंटों के रूप में बैंक के लाकर में सुरक्षित रखा गया है।
महासचिव चंपतराय ने यह भी बताया कि अब से कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा, क्योंकि आचार्य सत्येंद्रदास का पद 12 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया था। अब तक आचार्य सत्येंद्रदास के समान कोई पुजारी नहीं है, जिनकी आयु, विद्वता, सम्मान और रामलला के प्रति समर्पण के बराबर कोई व्यक्ति हो सकता है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, और इस परियोजना में समाज के योगदान से काम जारी है। आगामी महीनों में मंदिर के शेष हिस्सों के पूर्ण होने की उम्मीद है और राम जन्मोत्सव पर विशेष आयोजन होने की योजना है।