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UP NEWS: इंस्टाग्राम से शुरू हुई लव स्टोरी का 18 महीने में हुआ खौफनाक अंत

UP NEWS: इंस्टाग्राम से शुरू हुई लव स्टोरी का 18 महीने में हुआ खौफनाक अंत

अमरोहा: रोश खुराना उर्फ झिलमिल, जिनकी हत्या ने पूरे इलाके को हिला दिया, एक साधारण परिवार की सबसे बड़ी संतान थीं। उनके पिता नंदकिशोर एक पेंटर हैं, और उनकी मां ममता भी परिवार की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मजदूरी करती थीं। एक छोटा भाई कृष्ण कुमार भी है। घरेलू परिस्थितियों के बावजूद, झिलमिल ने अपने जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश की थी, लेकिन अंत में एक गलत चुनाव ने उसकी जिंदगी को खत्म कर दिया।


इंस्टाग्राम से मिली मुलाकात और फिर शक की बुनियाद

झिलमिल की मुलाकात हत्यारोपित अंकुश से इंस्टाग्राम के जरिए हुई थी, जो उनकी जिंदगी के एक महत्वपूर्ण हिस्से बन गया था। डेढ़ साल पहले हुए इस परिचय ने झिलमिल को यह विश्वास दिलाया था कि अंकुश उसका सच्चा साथी बनेगा। लेकिन, धीरे-धीरे शक और गलतफहमियों की बुनियाद पर अंकुश ने झिलमिल की जिंदगी का अंत कर दिया।


घर से नौकरी करने निकली झिलमिल और गेस्ट हाउस का रहस्य

झिलमिल ने लगभग एक साल पहले घर से बाहर नौकरी करने का फैसला किया था। उसने बताया था कि गजरौला में एक कंपनी में कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी करती है, और उसी कारण वहां रहना होगा। हालांकि, यह खुलासा हुआ कि झिलमिल का गजरौला में कोई नौकरी नहीं थी। दरअसल, वह गेस्ट हाउस में अपने प्रेमी अंकुश के पास रहती थी। स्वजन ने बताया कि अंकुश पहले हरिद्वार में झिलमिल के घर पर भी आता-जाता था, जिससे वह उसे पहचानते थे। इस बीच, यह भी सामने आया कि अंकुश ने झिलमिल को शादी का वादा किया था, लेकिन बाद में वह शादी से मना करने लगा था, जिससे दोनों के बीच विवाद बढ़ने लगा था।


माँ का जन्मदिन और झिलमिल की आखिरी मुलाकात

झिलमिल की मां ममता का 1 मार्च को जन्मदिन था। उस दिन को खास बनाने के लिए झिलमिल गजरौला से हरिद्वार गई थी और फिर अपनी मां और अन्य स्वजन के साथ ऋषिकेश में जन्मदिन मनाया था। यह झिलमिल का अपनी मां के साथ आखिरी जन्मदिन था, क्योंकि इसके बाद वह वापस नहीं लौटी। यह घटना दिल को झकझोर देती है कि ममता को कभी यह अंदाजा भी नहीं था कि यह जन्मदिन झिलमिल के साथ आखिरी होगा।


गेस्ट हाउस और पुलिस की लापरवाही

औद्योगिक क्षेत्र स्थित गेस्ट हाउस को शहर का सबसे बदनाम इलाका माना जाता है, जहां पर कई गेस्ट हाउस चल रहे हैं और यहां महिलाएं तथा युवतियां भी रहती हैं। रात के समय संदिग्ध लोगों का आना-जाना भी यहां सामान्य है, लेकिन पुलिस की ओर से इस इलाके पर ध्यान नहीं दिया गया। इस बारे में पुलिस चौकी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं। जब पुलिस अधिकारियों ने गेस्ट हाउस के संचालकों और किरायेदारों के नाम पूछे, तो चौकी के सिपाही बगले झांकने लगे। यह जानकारी खुली तब जब पुलिस ने हत्याकांड के बाद गेस्ट हाउस के अभिलेख जब्त किए, जिनमें आने-जाने वाले लोगों की एंट्री मौजूद थी।


पिछले अपराध और लापरवाही की परतें

यह पहली बार नहीं था कि इस क्षेत्र में अपराध हुआ हो। कुछ समय पहले एक हत्यारोपित ने अपने मकान मालिक की हत्या भी की थी। बावजूद इसके, पुलिस चौकी की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे। यह बताता है कि पुलिस की लापरवाही और क्षेत्र में व्याप्त अपराध के बीच की कड़ी क्या है।

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