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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। अब वे घर खरीदने या बनाने के लिए 25 लाख रुपये तक का लोन 7.5% ब्याज दर पर ले सकेंगे। पहले यह सीमा केवल 7.5 लाख रुपये थी, जिसे अब तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ा दिया गया है। इस फैसले से राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
लोन की शर्तें और सीमा
अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह सुविधा केवल उन कर्मचारियों को मिलेगी जिन्होंने कम से कम 5 साल की नियमित सेवा पूरी कर ली हो। लोन की राशि तय करने के लिए तीन मानक होंगे — कर्मचारी का 34 महीने का मूल वेतन, अधिकतम 25 लाख रुपये, और भवन की वास्तविक कीमत। जो भी राशि इनमें सबसे कम होगी, वही मान्य होगी।
20 साल में चुकाना होगा लोन
लोन की वापसी ब्याज सहित अधिकतम 20 साल में करनी होगी। जिस भवन के लिए लोन लिया जाएगा, उसकी कीमत कर्मचारी के मूल वेतन का 139 गुना या अधिकतम 1 करोड़ रुपये हो सकती है। इस सीमा में 24% तक की वृद्धि की अनुमति भी दी गई है, ताकि कर्मचारी बड़े और बेहतर घर का विकल्प चुन सकें।
मरम्मत और विस्तार के लिए भी सुविधा
अब सिर्फ नए घर खरीदने या बनाने के लिए ही नहीं, बल्कि पुराने घर की मरम्मत और विस्तार के लिए भी अधिक राशि मिलेगी। इस उद्देश्य के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये का लोन दिया जाएगा, जिसे 10 साल में ब्याज सहित चुकाना होगा। यह सुविधा खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगी जिनके पास पहले से घर है, लेकिन वे उसमें सुधार या विस्तार करना चाहते हैं।
महंगाई को देखते हुए लिया गया फैसला
राज्य सरकार का मानना है कि महंगाई और निर्माण लागत में बढ़ोतरी के कारण पुरानी लोन सीमा काफी कम थी। कई बार कर्मचारी इस वजह से अच्छा मकान नहीं खरीद पाते थे और उन्हें ऊंचे ब्याज पर निजी लोन लेना पड़ता था। अब बढ़ी हुई सीमा से उनका आर्थिक बोझ कम होगा और वे लंबे समय तक सस्ती ब्याज दर पर अधिक राशि ले पाएंगे।
पुराना लोन चुकाने के बाद मिलेगा नया लोन
शासनादेश में साफ किया गया है कि भवन का स्वामित्व कर्मचारी या उसके जीवनसाथी के नाम पर होना चाहिए। लोन मिलने के बाद भवन का पंजीकरण, बीमा और अन्य औपचारिकताएं समय पर पूरी करनी होंगी। अगर किसी कर्मचारी पर पहले से सरकारी हाउस लोन बकाया है, तो नया लोन लेने से पहले पुराने का निपटारा करना अनिवार्य होगा। सरकार का मानना है कि इस फैसले से कर्मचारियों में संतोष और स्थिरता आएगी, जिससे उनके कामकाज पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।