Coronavirus In up: आगरा में भी कोरोना वायरस ने दी दस्तक, सर्जरी कराने आया मरीज कोविड पॉजिटिव मचा हड़कंप

आगरा: फिरोजाबाद के एक 77 वर्षीय बुजुर्ग में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। मरीज को सर्जरी के लिए आगरा के सिकंदरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के दौरान लक्षण सामने आने पर निजी लैब से कोविड टेस्ट कराया गया, जिसमें सोमवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मरीज को अस्पताल में ही आइसोलेट कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट मोड में कार्रवाई शुरू कर दी है। मरीज के संपर्क में आए डॉक्टरों, अस्पताल स्टाफ और परिजनों के नमूने लिए जाएंगे, जिनकी जांच एसएन मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में आरटी-पीसीआर के माध्यम से की जाएगी।
अस्पताल में कोविड प्रोटोकॉल लागू, संपर्क में आए सभी को सतर्क रहने की सलाह
मरीज को कूल्हे की सर्जरी के लिए भर्ती किया गया था, लेकिन बुखार और गले में खराश के लक्षणों को देखते हुए कोरोना टेस्ट कराया गया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया। मरीज की ट्रैवल और कांटेक्ट हिस्ट्री खंगाली जा रही है। अस्पताल में कोविड गाइडलाइंस का सख्ती से पालन शुरू कर दिया गया है। मरीज के संपर्क में आए लोगों को मास्क पहनने और दूसरों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।
एसएन कॉलेज में जांच की सुविधा, गंभीर संक्रमितों को भर्ती किया जाएगा
एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि वायरोलॉजी लैब में कोरोना संदिग्धों की आरटीपीसीआर जांच के लिए पर्याप्त किट उपलब्ध हैं। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि कोरोना मरीजों की जांच और गंभीर संक्रमितों को भर्ती करने की व्यवस्था पूरी तरह से सक्रिय है।
नए वैरिएंट का खतरा, लक्षणों में दिख रही विविधता
देश में कोरोना के नए वैरिएंट NB.1.8.1 का खतरा बढ़ रहा है, जो ओमिक्रोन के JN.1 वैरिएंट का ही एक स्वरूप है। इस नए वैरिएंट में थकान, गले में खराश, मांसपेशियों और पेट में दर्द, और लंबे समय तक हल्का बुखार जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। पिछले वर्ष भी विदेश से लौटे दो लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
पर्यटकों की स्क्रीनिंग नहीं, स्मारकों और रेलवे स्टेशनों पर सतर्कता जरूरी
ताजमहल, आगरा किला समेत कई ऐतिहासिक स्थलों पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन अभी तक न स्मारकों पर और न ही रेलवे स्टेशनों पर स्क्रीनिंग शुरू की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण की आशंका को देखते हुए एहतियाती स्क्रीनिंग और आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था जल्द शुरू की जानी चाहिए।