Sitapur Flood: सीतापुर और पीलीभीत में बाढ़ का खतरा, बैराजों ने बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा, निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा

Sitapur Flood: उत्तराखंड के बनबसा बैराज से 1.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद शारदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से सीतापुर जिले के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हालात को देखते हुए डीएम अभिषेक आनंद के निर्देश पर प्रशासन ने गांव-गांव जाकर लोगों को सतर्क करना शुरू कर दिया है।
ढोलक बजाकर किया गया अनोखा अलर्ट
सीतापुर की लहरपुर तहसील के चटेला सेतूही और रतौली डीह गांवों में एसडीएम आकांक्षा गौतम और सीओ लहरपुर ने खुद गांवों में जाकर ढोलक बजवाकर और माइक से उद्घोषणा कर ग्रामीणों को चेताया। घोषणा में कहा गया, "सुनो-सुनो! बनबसा बैराज से 1.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शारदा का जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है। बच्चे, बुजुर्ग और मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं और नदी किनारे न जाएं।"
बाढ़ चौकियां और राहत केंद्र सक्रिय
प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी बाढ़ चौकियों और राहत केंद्रों को सक्रिय कर दिया है। तहसीलदार ज्योति वर्मा के अनुसार, पलिया क्षेत्र में 5 राहत केंद्रों के तहत 12 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। इन चौकियों से हर समय गांवों की निगरानी की जा रही है।
नाव चालकों और लेखपालों को किया सतर्क
प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने के लिए नाव चालकों को सतर्क कर दिया है। साथ ही लेखपालों को आदेश दिया गया है कि वे बाढ़ चौकियों पर मौजूद रहें और किसी भी आपदा की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।
राहत केंद्रों की व्यवस्थाएं जांची गईं
तहसीलदार ने मंगलवार को संपूर्णानगर के राहत केंद्रों का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने खाने-पीने की सामग्री, साफ-सफाई, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। प्रशासन की कोशिश है कि बाढ़ आने से पहले ही सभी ज़रूरी तैयारियां पूरी कर ली जाएं, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
पीलीभीत में देवहा नदी से खतरा
रात में बाढ़ का खतरा, लोगों को किया सतर्क पीलीभीत जिले में देवहा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। डियूनी बैराज से 30,300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे निचले इलाकों और मोहल्लों में रात में बाढ़ की संभावना जताई जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए एसडीएम सदर श्रद्धा सिंह ने देर रात खुद मौके पर पहुंचकर लोगों से सतर्क रहने की अपील की।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह
एसडीएम ने ग्रामीणों से कहा, "अगर पानी बढ़ता है तो सबसे पहले अपने जानवरों को बाढ़ आश्रय केंद्र ले जाएं और खुद भी सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर पहुंच जाएं। साथ ही, बाढ़ कंट्रोल रूम का नंबर 05882-255959 भी सभी को बताया गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति आपात स्थिति में मदद मांग सके। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि रात में सजग रहें, क्योंकि कई गांव और शहर के कुछ निचले मोहल्लों में पानी घुसने की आशंका है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है।