Education news - स्कूल में महिलाओं के लिए आरक्षित पद पर पुरुषों की नियुक्ति, रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने उड़ाई नियमों की धज्जियां

Education news - अपने रिश्तेदारों को नियुक्त करने के लिए अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था की ही धज्जियां उड़ा दी। स्कूल में जो पद महिलाओं के लिए आरक्षित था, उस पर पुरुषों की नियुक्ति कर दी गई।

Education news - स्कूल में महिलाओं के लिए आरक्षित पद पर पुरु

N4N Desk - सतर्कता अधिष्ठान (Vigilance Establishment) की गहन जांच के बाद प्रदेश के सात अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में बड़े पैमाने पर अवैध नियुक्तियों का खुलासा हुआ है। सतर्कता अधिष्ठान की जांच में सत्र 2015-16 व 2016-17 में नियमों को दरकिनार कर शिक्षकों-कर्मियों की नियुक्तियां करने का तथ्य उजागर हुआ है।

अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों को फायदा  पहुंचाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए चयन समितियों ने अपने नजदीकी रिश्तेदारों को शिक्षक, प्रधानाध्यापक और लिपिक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया। चौंकाने वाली बात यह है कि महिला आरक्षित पदों पर भी पुरुषों की नियुक्ति कर दी गई।

बिहार के एक्पीरियंस  को  बताया वैध

जांच में पता चला है कि चयन समितियों ने जानबूझकर बिहार के स्कूलों के अनुभव प्रमाणपत्रों को वैध घोषित कर दिया ताकि अपने सगे-संबंधियों को लाभ मिल सके। वहीं दूसरी तरफ यह जानते हुए यह नियम के विरुरद्ध तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) हरिकेश यादव ने इन चयन समितियों द्वारा की गई नियुक्तियों का अनुमोदन कर दिया।

इस खेल में तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी (बीइओ) व बीएसए कार्यालय के तत्कालीन तैनात कर्मचारी भी शामिल रहे। फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों-कर्मचारियों ने वेतन उठाया जो सरकारी धन का दुरुपयोग माना जा रहा है। 

1978 की नियमावली  का उल्लंघन

ये सभी नियुक्तियां 1978 की नियमावली और शासनादेशों का उल्लंघन कर की गईं। कई नियुक्त व्यक्ति अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने में भी असफल रहे, फिर भी उन्हें वेतन का भुगतान किया गया। इससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

इस गंभीर मामले को देखते हुए, सतर्कता अधिष्ठान की सुनीता सिंह ने तत्कालीन BSA हरिकेश यादव सहित 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इस सूची में तत्कालीन BEO राम टहल, अरविंद कुमार यादव, बृजेश कुमार राय, सुभाष गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं। एफआईआर में इन्हें नियुक्तियों के इस बड़े फर्जीवाड़े में नामजद किया गया है। जांच के आगे बढ़ने पर इसमें कई और बड़े नाम सामने आने की संभावना है, क्योंकि BSA कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना ये फाइलें आगे नहीं बढ़ सकती थीं।

रिश्तेदारों की नियुक्ति: 

  1. श्रीविश्वकर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय (रौनाखुर्द) में प्रबंधक काशीनाथ विश्वकर्मा ने अपनी रिश्तेदार मंजू कुमारी को नियुक्त कराने में सफलता पाई, जिसका अनुमोदन तत्कालीन BSA हरिकेश यादव ने नियमों के विरुद्ध जाकर किया।
  2. बाहरी प्रधानाध्यापिका की नियुक्ति: श्रीदुर्गेश्वरी पूर्व मा. विद्यालय (असवारी कुआर बाजार) के प्रबंधक सभाजीत सिंह ने चयन समिति में बाहरी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को शामिल किया।
  3. महिला आरक्षित पद पर पुरुष की नियुक्ति: पुष्परंजन बालिका शिक्षा निकेतन (पांडेयपुर) में महिला आरक्षित शिक्षक के पद पर पुरुष राकेश की नियुक्ति कर दी गई, जबकि अनुभव प्रमाणपत्र भी अमान्य था। इस चयन समिति में BEO सुभाष गुप्ता के अलावा प्रेमशंकर और ओमप्रकाश भी शामिल थे।
  4. फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों पर चयन: ग्राम सेवा मंडल जूनियर हाईस्कूल (नई बस्ती पांडेयपुर) की चयन समिति ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र के बावजूद संजय जायसवाल का चयन किया।
  5. कूटरचित प्रमाणपत्र पर नियुक्ति: श्रीजगन्नारायण तिवारी विद्यालय (साधोगंज) में नियुक्त हुए सत्य कुमार त्रिपाठी का अनुभव प्रमाणपत्र भी कूटरचित पाया गया था, फिर भी चयन समिति ने उन्हें नियुक्त किया।