Muzaffarnagar News: हनीमून के दौरान हुआ कुछ ऐसा की घर के बाहर धरने पर बैठी दुल्हन! मामला जान चौंक गए परिजन
मुजफ्फरनगर में एक नवविवाहित जोड़े के बीच हनीमून के दौरान दहेज को लेकर विवाद हो गया। दूल्हे ने 50 लाख की डिमांड की, और मामला ससुराल के बाहर धरने तक पहुंच गया। जानें पूरी घटना।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नवविवाहित जोड़े के हनीमून के दौरान दहेज को लेकर विवाद हो गया, जो बाद में एक बड़े पारिवारिक झगड़े में तब्दील हो गया। इस विवाद ने स्थानीय क्षेत्र में सुर्खियां बटोरी हैं।
दहेज विवाद के चलते हनीमून पर संकट
यह मामला मुजफ्फरनगर के नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के एटूएड पोर्स कॉलोनी का है। घटना के अनुसार, शालिनी नाम की युवती की शादी 12 फरवरी को हुई थी। शादी के बाद, नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए पहले बाली और फिर श्रीलंका जाने की योजना बना रहा था। लेकिन बाली में ही दोनों के बीच दहेज को लेकर कहासुनी हो गई।दुल्हन शालिनी का आरोप है कि उसके पति ने शादी के खर्चे का हवाला देकर दहेज में 50 लाख रुपये की मांग की। बात इतनी बढ़ी कि दोनों बाली से वापस लौट आए और पति ने शालिनी को उसके मायके छोड़ दिया।
ससुराल में प्रवेश नहीं मिलने पर दुल्हन का धरना
जब शालिनी ने ससुराल जाने की कोशिश की, तो ससुराल वालों ने बात करने से इनकार कर दिया। अंततः, शालिनी अपने परिजनों के साथ ससुराल पहुंची लेकिन कई घंटों तक दरवाजा नहीं खोला गया। इसके बाद, शालिनी ने ससुराल के गेट पर ही धरने पर बैठने का निर्णय लिया।
धरने के दौरान, शालिनी ने आत्मदाह करने की भी धमकी दी। वहीं, शालिनी के चाचा का कहना है कि जब तक शालिनी को ससुराल में प्रवेश नहीं मिलेगा, वे धरने पर बैठे रहेंगे। यह मामला अब स्थानीय क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
दहेज प्रथा: समाज के लिए चुनौती
यह मामला दहेज प्रथा की कुरीति पर प्रकाश डालता है, जो आज भी भारतीय समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। दहेज प्रथा न केवल विवाह के दौरान, बल्कि शादी के बाद भी कई परिवारों में विवाद का कारण बनती है। इस घटना से स्पष्ट होता है कि दहेज जैसी सामाजिक बुराई किस हद तक संबंधों को प्रभावित कर सकती है।
कानूनी सहायता और समाधान
ऐसे मामलों में पीड़िता को कानूनी सहायता लेना अत्यंत आवश्यक है। भारत में दहेज निषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) के तहत दहेज मांगना अपराध है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता भी बढ़ाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।
हनीमून के दौरान दहेज विवाद
मुजफ्फरनगर में हनीमून के दौरान हुए इस दहेज विवाद ने एक बार फिर समाज में दहेज प्रथा के कुप्रभावों को उजागर किया है। यह न केवल पीड़ित परिवार के लिए कष्टकारी है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर संदेश है। दहेज जैसी कुरीतियों को समाप्त करने के लिए समाज को संगठित होकर कार्य करने की आवश्यकता है।