Panchayat elections in UP: यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू, नए सिरे से गांवों का होगा परिसीमन, इस दिन हो सकता है चुनाव!

लखनऊ: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों ने उत्तर प्रदेश में रफ्तार पकड़ ली है। शुक्रवार को शासन ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया, जिसके तहत सभी जिलों से कहा गया है कि वे ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के आंशिक पुनर्गठन के प्रस्ताव 5 जून तक भेजें। इसकी ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि पिछले पंचायत चुनाव के बाद कई ग्राम पंचायतें नगर पंचायतों और नगर निगमों की सीमाओं में समा गई हैं।
शहरी क्षेत्र में शामिल हुए गांवों का होगा पुनर्गठन
शासनादेश के मुताबिक, जिन ग्राम पंचायतों का कुछ या पूरा हिस्सा अब शहरी निकायों में शामिल हो चुका है, उनकी स्थिति बदल गई है। ऐसे में जरूरत है कि इन ग्राम पंचायतों को या तो समाप्त किया जाए या उनके बचे हुए हिस्सों को समीपवर्ती पंचायतों में जोड़ा जाए। कई पंचायतों की जनसंख्या अब एक हज़ार से कम रह गई है, जो पंचायत बनाए रखने के मानक से कम है।
जहां मानक पूरे, वहां नई पंचायत संभव
अगर कोई राजस्व ग्राम, जो पहले किसी ग्राम पंचायत का हिस्सा था, अब अपने आप में पंचायत बनने के मानक पूरे करता है (यानी उसकी आबादी कम से कम 1000 है), तो उसे स्वतंत्र ग्राम पंचायत के रूप में मान्यता दी जा सकती है। वहीं, अगर किसी एकल राजस्व ग्राम की पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हुई है, लेकिन उसकी कुल जनसंख्या अब भी एक हज़ार से अधिक है, तो वह पंचायत पहले की तरह बनी रह सकती है।
जिलों में गठित हुई चार सदस्यीय समिति
इस प्रक्रिया को बेहतर ढंग से अंजाम देने के लिए शासन ने हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय समिति गठित कर दी है। इसमें मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी (जो सदस्य सचिव होंगे) और जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति यह भी देखेगी कि किसी क्षेत्र में शहरी सीमा में बदलाव के बाद अधिसूचना अधूरी तो नहीं रह गई है।
पंचायत चुनाव तक नगर निकायों के विस्तार पर रोक
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि पंचायत चुनाव होने तक कोई नया नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद या नगर निगम नहीं बनाया जाएगा और न ही मौजूदा निकायों की सीमा में कोई विस्तार किया जाएगा। पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने इस बाबत नगर विकास विभाग को औपचारिक रूप से पत्र भेज दिया है।
2026 में होंगे पंचायत चुनाव, तैयारियों में लगेंगे छह महीने
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल–मई 2026 में कराए जाने प्रस्तावित हैं। ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों का कार्यकाल क्रमशः 26 मई, 19 जुलाई और 11 जुलाई 2026 को समाप्त हो रहा है। इसके पहले मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण, वार्डों का निर्धारण, आरक्षण की प्रक्रिया और जातीय आंकड़ों को अपडेट करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य पूरे करने होंगे, जिनमें करीब छह महीने का वक्त लगेगा।
शहरी निकायों में बदलाव से बाधित हो सकती है चुनावी प्रक्रिया
शासन का मानना है कि अगर इस दौरान नगर निकायों के गठन या सीमा विस्तार की कार्यवाही चलती रही, तो परिसीमन, मतदाता सूची और आरक्षण प्रक्रिया जैसे महत्वपूर्ण चुनावी कार्य बाधित हो सकते हैं। इसी वजह से यह फैसला लिया गया है कि पंचायत चुनाव संपन्न होने तक नगर निकायों से जुड़ी किसी भी नई प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
फिलहाल फोकस पंचायतों के पुनर्गठन पर
सरकार का फोकस फिलहाल पंचायतों के ढांचे को दुरुस्त करने, परिसीमन को अपडेट करने और चुनावी तैयारियों को समय पर पूरा करने पर है। इसका मकसद है कि वर्ष 2026 में पंचायत चुनाव पूरी पारदर्शिता और सुव्यवस्था के साथ कराए जा सकें।