UP Politics: सपा नेता ने को कोर्ट से राहत, आजम खान को 17 साल पुराने भगोड़े के मामले में कोर्ट ने किया बरी

मुरादाबाद: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां को मंगलवार को बड़ी राहत मिली। मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट (एसीजेएम-1) ने उन्हें 17 साल पुराने उस मामले में बरी कर दिया, जिसमें उन्हें पुलिस ने भगौड़ा घोषित कर केस दर्ज किया था।
क्या था पूरा मामला
यह मामला वर्ष 2008 का है। उस समय आजम खां का काफिला मुरादाबाद-हरिद्वार रोड से गुजर रहा था। छजलैट थाने के सामने पुलिस ने उनकी गाड़ी से हूटर उतार दिया। इससे नाराज होकर आजम खां सड़क पर धरने पर बैठ गए और जाम लगा दिया। थोड़ी ही देर में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता पहुंच गए। प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि नजदीकी बिजली घर में तोड़फोड़ तक कर दी गई।
पुलिस ने क्यों बनाया भगौड़ा
इस मामले में केस दर्ज किया गया और आजम खां को अदालत में पेश होने के लिए कई बार समन भेजा गया। आरोप है कि वे बार-बार अदालत में पेश नहीं हुए। इसी कारण 2020 में रामपुर के तत्कालीन गंज थाना प्रभारी रामवीर सिंह ने मुरादाबाद के छजलैट थाने में आईपीसी की धारा 174ए के तहत एफआईआर दर्ज कराई और उन्हें भगौड़ा घोषित किया गया।
कोर्ट में सुनवाई
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने सात गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह पेश हुआ। आजम खां के वकील शाहनवाज सिब्तैन नकवी ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल पर लगे आरोप निराधार हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आजम खां को दोषमुक्त कर दिया और भगौड़े के आरोप से बरी कर दिया।
अन्य मामलों में भी घिरे हैं आजम खां
फिलहाल आजम खां सीतापुर जेल में बंद हैं और उन पर कई अन्य मामले भी चल रहे हैं। ऐसे में इस केस से बरी होना उनके लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी ने भी अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है।