UP NEWS: जौनपुर शेखरकांति हॉस्पिटल पर लगे आरोप जांच में पाए गए गलत

UP NEWS: जौनपुर शेखरकांति हॉस्पिटल पर लगे आरोप जांच में पाए

जौनपुर: जौनपुर शहर के शेखरकांति हॉस्पिटल के डॉक्टर रमित कुमार सिंह पर मरीज शुभम निषाद की मौत के बाद परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को विभागीय जांच में गलत पाया गया है। परिजनों ने आरोप लगाया था कि अस्पताल ने शुभम निषाद की मौत के तीन दिन बाद भी इलाज के नाम पर पैसे लिए और उन्हें यह नहीं बताया कि मरीज की मौत हो चुकी है।


क्या है पूरा मामला?

शुभम निषाद नाम के युवक की कुछ दिन पहले सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से चोट लगने के बाद इलाज चल रहा था। वह नईगंज स्थित एक निजी अस्पताल शेखरकांति हॉस्पिटल में भर्ती था। इलाज के दौरान शुभम की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने तीन दिन तक मौत की बात छिपाई और पैसे लेते रहे। जब परिवार को मौत की जानकारी मिली तो उन्होंने अस्पताल में हंगामा किया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों ने यह भी कहा कि स्टाफ ने शव देने से मना कर दिया, जिस पर उन्होंने जिलाधिकारी से शिकायत की।


जांच में क्या सामने आया?

डीएम के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ लक्ष्मी सिंह ने जांच की जिम्मेदारी एडिशनल CMO डॉ प्रभात कुमार को सौंपी। डॉ प्रभात 3 अप्रैल को दोपहर में अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि शुभम निषाद उस वक्त वेंटिलेटर पर था और ज़िंदगी की जंग लड़ रहा था। उसी दिन उसकी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि मरीज की मौत उसी दिन हुई थी। यानी परिजनों द्वारा लगाया गया "तीन दिन पुरानी मौत" का आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत साबित हुआ।

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डॉक्टर की प्रतिक्रिया

शेखरकांति हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ रमित कुमार सिंह ने बताया कि परिजनों और दो यूट्यूब चैनल्स द्वारा उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाई गईं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ। उन्होंने मृतक के परिजनों और दो यूट्यूब पत्रकारों को कानूनी नोटिस भेजा है। डॉ रमित का दावा है कि मरीज के इलाज के नाम पर परिजनों से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं लिया गया था।