UP NEWS: यूपी के शहरों को एक हजार करोड़ रुपये मिलने का रास्ता साफ

लखनऊ: राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र में विकास की गति को तेज करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री पर वसूली जाने वाली अतिरिक्त दो प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की धनराशि नगरीय निकायों और विकास प्राधिकरणों को जल्दी से उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए मौजूदा व्यवस्था में बदलाव किया गया है, जिससे उपयोगिता प्रमाणपत्र के बिना ही निकायों और प्राधिकरणों को दो किस्तों की धनराशि मिल सकेगी। इससे 31 मार्च से पहले शहरी निकायों और विकास प्राधिकरणों को लगभग एक हजार करोड़ रुपये मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
कैबिनेट द्वारा मंजूरी
स्टांप और निबंधन विभाग के शासनादेश में संशोधन करने वाले प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से मंजूरी मिल गई है। इसके तहत अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी के तीन से चार हजार करोड़ रुपये नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत, विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषद और डेडीकेटेड अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड को चार तिमाही किस्तों में दिए जाने का प्रावधान किया गया था।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में होगी 3023.64 करोड़ रुपये की व्यवस्था
चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 3023.64 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जबकि अगले वित्तीय वर्ष में इस धनराशि के लगभग चार हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
पहली किस्त का वितरण और सुधार
पिछले साल 28 अक्टूबर को पहली किस्त के रूप में 889.45 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, जिसमें से निकायों को 359.92 करोड़, प्राधिकरणों को 177.23 करोड़, विकास परिषद को 102.82 करोड़ और औद्योगिक प्राधिकरणों को 27.12 करोड़ रुपये दिए गए थे। हालांकि, अधिकांश ने पहली किस्त की धनराशि का उपयोग प्रमाणपत्र नहीं प्रस्तुत किया, जिसके कारण विभाग ने दूसरी किस्त जारी नहीं की।
दूसरी किस्त की जल्द उपलब्धता
अब शासनादेश में संशोधन के बाद बिना उपयोगिता प्रमाणपत्र के भी निकायों और प्राधिकरणों को धनराशि दी जाएगी। दूसरी किस्त के तहत लगभग 920 करोड़ रुपये एक-दो दिन में जारी कर दिए जाएंगे। जिन निकायों और प्राधिकरणों ने पहले ही उपयोगिता प्रमाणपत्र दिया था, उन्हें अब तक 450 करोड़ रुपये की धनराशि मिल चुकी है। उन्हें अब तीसरी किस्त की भी धनराशि मिल जाएगी।
31 मार्च तक एक हजार करोड़ रुपये का वितरण
इस व्यवस्था के तहत 31 मार्च तक एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि शहरी निकायों, प्राधिकरणों और परिषदों को विकास कार्यों के लिए मिल जाएगी। इसके अलावा, अगले वित्तीय वर्ष की पहली किस्त की धनराशि भी उन निकायों को दे दी जाएगी, जिन्होंने तीसरी किस्त का उपयोगिता प्रमाणपत्र पहले ही प्रस्तुत किया है।
धनराशि का उपयोग
यह धनराशि शहरी क्षेत्रों में सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, मार्ग प्रकाश और अन्य विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इसके साथ ही नए कार्यों के लिए भी धनराशि का उपयोग किया जा सकेगा, जिससे शहरी क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी और रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।
धनराशि का वितरण फार्मूला
धनराशि का वितरण विभिन्न निकायों और प्राधिकरणों के बीच तय फार्मूले के अनुसार होगा। इसमें 25 प्रतिशत धनराशि डेडीकेटेड अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड को दी जाएगी। शहरी क्षेत्रों में जहां नगर निगम, नगर पालिका परिषद या विकास प्राधिकरण होते हैं, वहां दो प्रतिशत धनराशि का एक-चौथाई हिस्सा विकास प्राधिकरण, एक-तिहाई हिस्सा नगरीय निकायों और शेष हिस्सा आवास विकास परिषद को दिया जाएगा।