UP Politics: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले क्यों सक्रियता बढ़ा रही RSS, संगठन के दिए संदेश का मतलब समझिए

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सक्रिय हो गया है। संघ ने अपने सभी संगठनों को साफ संदेश दिया है कि ऐसा कोई मुद्दा न उठाएं, जिससे सरकार मुश्किल में दिखे। सड़क से लेकर मीडिया तक, किसी भी मंच पर सरकार को असहज करने वाले मामलों से बचने की सलाह दी गई है।
लखनऊ में बड़ी बैठक
जोधपुर की राष्ट्रीय बैठक के बाद लखनऊ में संघ परिवार के संगठनों के बड़े पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें अरुण कुमार और सह सरकार्यवाह अतुल लिमये भी मौजूद रहे। यहां सरकार और संगठन के बीच समन्वय पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया। बाराबंकी से जुड़े एबीवीपी प्रकरण को उदाहरण देते हुए कहा गया कि इस तरह की घटनाओं को दोहराने से बचना होगा। ऐसे मामलों से विपक्ष को मौका मिलता है।
समन्वय की पुरानी व्यवस्था पर जोर
संघ ने तय किया है कि मुख्यमंत्री से जुड़े मुद्दों को सीधे संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह तक पहुंचाया जाए। मंत्री स्तर के मुद्दों पर अमरपाल मौर्य और पार्टी संगठन से जुड़े मामलों पर कामेश्वर सिंह समन्वय करेंगे। इस तरह पुरानी व्यवस्था को और मजबूत बनाया जा रहा है ताकि सरकार और संगठन में तालमेल बना रहे।
संघ की बड़ी योजना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस समय अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। लक्ष्य है कि संघ हर गांव तक पहुंचे। इसके लिए राजनीतिक माहौल का अनुकूल रहना जरूरी है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से संघ और भाजपा दोनों ने सबक लिया है। यही कारण है कि अब हिंदुत्व के मुद्दे को और प्रभावी बनाने की तैयारी हो रही है।